रात भर मटिहानी व जिगना गांव की खाक छानती रही पुलिस

सुबह में सीवान-गोपालगंज मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे मिला शव सीवान : विष्णु राज उर्फ राहुल की बरामदगी के लिए पुलिस गुरुवार की रात भर गोपालगंज के मटिहानी व जिगना जगरनाथ की खाक छानती रही. यूं कहा जाये, तो अपहरणकर्ताओं ने जिस मोबाइल नंबर से राहुल के परिजनों से फिरौती मांगी थी, उसके टावर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 3:25 AM

सुबह में सीवान-गोपालगंज मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे मिला शव

सीवान : विष्णु राज उर्फ राहुल की बरामदगी के लिए पुलिस गुरुवार की रात भर गोपालगंज के मटिहानी व जिगना जगरनाथ की खाक छानती रही. यूं कहा जाये, तो अपहरणकर्ताओं ने जिस मोबाइल नंबर से राहुल के परिजनों से फिरौती मांगी थी, उसके टावर लोकेशन के आधार पर भी काफी नजदीक पहुंच गयी थी. एसआइटी ने गोपालगंज के मीरगंज थाने के मटिहानी व जिगना गांव में कई बार छापेमारी की, परंतु न तो अपहरणकर्ता ही उनके हत्थे चढ़े और न ही अपहृत राहुल बरामद हो सका. एसआइटी ने एयरटेल के जिस नंबर से फोन आया था, उसकी पहचान करते हुए दो लोगों को हिरासत में भी ले लिया था. इस मामले में मीरगंज के जिगना निवासी दिनेश प्रसाद व उसके भाई उमेश प्रसाद को हिरासत

में लिया था. दोनों को मजदूरी करते हुए पुलिस ने उठाया था, लेकिन पूछताछ में इसकी जानकारी हुई कि इनके नाम पर किसी सिम विक्रेता ने किसी अन्य को इनके नाम पर सिम उपलब्ध करा दी थी. इसका उपयोग करते हुए अपहरणकर्ताओं ने रंगदारी की मांग की थी. एसआइटी ने गुरुवार की रात में जिगना और मटिहानी गांव में चार-पांच बार छापेमारी कर

राहुल की तलाश की, परंतु उसका कही पता नहीं चला. शुक्रवार की अहले सुबह राहुल का शव पुलिस

को बरामद हुआ.

पुलिस को नहीं मिला सहयोग : पुलिस का कहना है कि राहुल को बरामद करने के प्रयास में एयरटेल कंपनी से सहयोग नहीं मिल सका. पुलिस प्रशासन ने एयरटेल कंपनी से कई बार संपर्क कर मोबाइल ऑन- ऑफ होने के पहले उसका टावर लोकेशन व उसका करेंट कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन कंपनी द्वारा कोई भी सहयोग नहीं किया गया. अगर कंपनी ने तत्काल यह सूचना उपलब्ध करा दी होती, तो कहानी दूसरी होती और अपहरणकर्ता पुलिस की गिरफ्त में होते व राहुल को सकुशल बचा लिया गया होता.

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