राहुल की हत्या के बाद हंगामा, रोड जाम

विरोध. आक्रोशितों ने आगजनी कर तीन घंटे तक किया चक्का जाम पोस्टमार्टम हाउस से ले सदर अस्पताल तक तैनात दिखी पुलिस परिजनों का आरोप, पुलिस की देरी से गयी राहुल की जान सीवान : शहर के श्रद्धानंद बाजार में कपड़े के दुकान संचालक राजकुमार गुप्ता के अपहृत पुत्र राहुल की हत्या व शव बरामद होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 3:27 AM

विरोध. आक्रोशितों ने आगजनी कर तीन घंटे तक किया चक्का जाम

पोस्टमार्टम हाउस से ले सदर अस्पताल तक तैनात दिखी पुलिस
परिजनों का आरोप, पुलिस की देरी से गयी राहुल की जान
सीवान : शहर के श्रद्धानंद बाजार में कपड़े के दुकान संचालक राजकुमार गुप्ता के अपहृत पुत्र राहुल की हत्या व शव बरामद होने के बाद लोगों में आक्रोश फूट पड़ा. मृत छात्र राहुल के दरवाजे से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक लोगों व शुभचिंतकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इधर पुलिस ने शव को पोस्टर्माटम के लिए पोस्टमार्टम हाउस ले गयी. इस दौरान लोगों के विरोध की आशंका को देखते हुए सदर अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.
इसी दौरान राहुल की हत्या की खबर पहुंचते ही राहुल के घर के नजदीक लोगों का हुजूम जुटने लगा. इसी बीच पोस्टमार्टम के दौरान लोग आक्रोशित हो उठे और इस हत्या को पुलिस प्रशासन की नाकामी बताते हुए अस्पताल रोड में सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
इस दौरान आगजनी कर यातायात को पूरी तरह बाधित कर दिया गया. राहुल मां-बाप व अन्य परिजनों के साथ सड़क पर ही लोग धरने पर बैठ गये. लोगों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये. साथ ही डीएम-एसपी व नीतीश कुमार मुर्दाबाद के भी नारे लगाये गये. मौके का फायदा उठा कर कुछ असामाजिक तत्वों ने सदर अस्पताल के नजदीक खडो वज्रवाहन में आग लगा दी. इस पर स्थानीय लोगों के सहयोग से तुरंत काबू पाया गया.
सीएम को बुलाने की मांग पर अड़े थे परिजन : सड़क जाम कर रहे प्रदर्शन कर रहे लोग सीएम नीतीश कुमार को बुलाने की मांग पर अड़े थे. उनका कहना था कि सीएम के आने तक सड़क जाम व प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही परिजन राहुल का शव लेने को तैयार नहीं थे. परिजन हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे. मौके पर पहुंचे एएसपी कार्तिकेय शर्मा, एसडीएम श्याम बिहारी मीना ने आक्रोशित लोगों को समझा कर मामला शांत कराया. 48 घंटे के अंदर मामले का खुलासा करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी की बात कही, जिसके बाद तीन घंटे से बंद आवागमन पुन: शुरू हो सका व परिजन राहुल के शव को लेने को तैयार हुए.
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल : राहुल के परिजनों व स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न चिह्न लगा दिया. सड़क जाम कर रहे परिजनों का कहना था कि अगर पुलिस ने समय से कार्रवाई की होती, तो राहुल की जान बच सकती थी. अपहरणकर्ताओं का फोन आने के बाद तुरंत उसका मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध करा दिया गया था, लेकिन पुलिस अपहर्ताओं तक पहुंचने में विफल रही. इसके बाद राहुल की हत्या कर उसका शव फेंक दिया गया. अब तो परिजनों का कहना है कि काश अगर फिरौती की बात पुलिस को नहीं बता कर अपहरणकर्ताओं से आरजू-मिन्नत कर कुछ रकम देकर मामला सुलझा लिया गया होता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी.

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