लघु जल संसाधन विभाग पर 9.15 करोड़ रुपये का है बकाया

उदासीनता. सरकारी विभागों पर बिजली विभाग के करोड़ों बकाया सीवान : विद्युत व्यवस्था में सुधार सड़क से लेकर सत्ता तक सबकी प्रमुख मांग है. आधुनिकता के इस युग में बिजली जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन गयी है. कुछ घंटे तक इसके गायब रहने पर हाहाकार मच जाता है. सर्दी हो या गर्मी हर सीजन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2017 4:42 AM

उदासीनता. सरकारी विभागों पर बिजली विभाग के करोड़ों बकाया

सीवान : विद्युत व्यवस्था में सुधार सड़क से लेकर सत्ता तक सबकी प्रमुख मांग है. आधुनिकता के इस युग में बिजली जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन गयी है. कुछ घंटे तक इसके गायब रहने पर हाहाकार मच जाता है. सर्दी हो या गर्मी हर सीजन में इसकी मांग घर में पंखा एसी से लेकर कूलर, फ्रिज, वाशिंग मशीन की बात हो या पानी का मोटर, सभी इसी पर आधारित हैं. यहां तक कि आम लोगों के जीवन का एक अंग बन चुका मोबाइल भी इसी पर आधारित है.
विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक प्रयासरत है. इसके लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. लेकिन इसमें धन की काफी जरूरत है. ऐसे में जब सरकारी महकमा ही बिजली विभाग को करोड़ों दबाये बैठे हो, तो इसका विकास प्रभावित होना निश्चित है. साथ ही बकाये की स्थिति में आम जनता का बिजली गुल करने में विद्युत विभाग को मिनटों का समय नहीं लगता. वहीं, बड़े बकायेदार रहे सरकारी महकमे की बिजली गुल करने में विभाग के हाथ-पांव फूलने लगते हैं और ऐसा संभव ही नहीं हो पाता. इसका बड़ा कारण जन सरोकार का मुद्दा बताया जाता है.
कई विभागों को दिया गया निर्देश
सीवान में लघु जल संसाधन विभाग बिजली का सबसे बड़ा बकायेदार है. उस पर 9.15 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं, शहरवासियों पर अपने टैक्स कसने वाले शिकंजा कसने वाले नगर पर्षद पर 2.63 करोड़ रुपये बकाया है. अगर आपको नगर पर्षद से किसी प्रमाणपत्र की जरूरत है, तो आपको अपडेट लगान रसीद संलग्न करनी होगी. तभी आपका काम होगा. लेकिन जब खुद के बकाया चुकाने की बात आती है, तो यह विभाग फिसड्डी दिखता है. ऐसी ही स्थिति शिक्षा विभाग की है, जो बिजली विभाग का 1.15 करोड़ दबाये बैठा है. यह स्थिति तब है, जब सरकारी फंड का एक बड़ी राशि शिक्षा पर खर्च होती है. वहीं अधिकांश विद्यालय विद्युत व्यवस्था से महरूम है. ऐसे हालात में यह स्थिति है, तो अगर सभी स्कूलों को विद्युत बहाल हो जाये, तो स्थिति की कल्पना स्वयं की जा सकती है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पर 76 लाख का बकाया है. महाराजगंज अनुमंडल अस्पताल पर चार लाख और सामान्य प्रशासन का 6.9 लाख रुपये बकाया है. वहीं, पुलिस विभाग पर चार लाख का बकाया है. वहीं, विद्युत विभाग के राजस्व पदाधिकारी वीर छत्रसाल ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा 30 लाख का भुगतान किया गया है. आवंटन के लिए एसपी ने विभाग को लिखा है. मार्च तक इस कुल बकाया अपडेट करने को कहा है. जिला प्रशासन व उससे जुड़े विभाग पर 6.9 लाख बकाया है. डीएम ने इसे भी अपडेट करने को कहा है.
साथ ही अन्य विभाग को भी निर्देश जारी किया है.
नगर पर्षद पर 2.63, तो शिक्षा विभाग पर 1.15 करोड़ का बकाया
जिला प्रशासन व उससे जुड़े विभाग पर भी 6.9 लाख रुपये हैं बकाया
बकाये के संबंध में सभी विभागों को लिखा गया है. बकाये की बड़ी राशि होने से विद्युत विभाग परेशान है व उच्चाधिकारियों से भी दबाव है. लेकिन सरकारी विभाग आवंटन व अन्य कारण बता कर टाल-मटोल कर रहे हैं.
वीर छत्रसाल, विद्युत राजस्व पदाधिकारी

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