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ये है BIHAR के डॉ. जिन्‍होंने मरीजों के दर्द को अपना समझा, बॉलीवुड में दीपिका तक का कर चुके है इलाज

डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, पर शहर के एक ऐसे युवा डॉक्टर भी हैं, जिन्हें मरीजों में ही भगवान दिखता है. सेना में पिता जी के सेवा भाव से मिली सीख आज उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है और वह इस रास्ते पर चल कर मरीजों का दर्द दूर करने का […]

डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, पर शहर के एक ऐसे युवा डॉक्टर भी हैं, जिन्हें मरीजों में ही भगवान दिखता है. सेना में पिता जी के सेवा भाव से मिली सीख आज उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है और वह इस रास्ते पर चल कर मरीजों का दर्द दूर करने का काम कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं सीवान जिले के रहने वाले डॉ राजीव कुमार सिंह की. बोरिंग रोड स्थित साईं फिजियो थेरेपी क्लिनिक के डॉ राजीव सिंह के लिए अस्पताल व घर दोनों मंदिर हैं और इलाज के लिए आने वाले लोग उनके लिए किसी देवता से कम नहीं हैं. आनंद तिवारी ने की उनसे पूरी बातचीत.
जियोथेरेपिस्ट
डॉ राजीव कुमार सिंह
सीवान जिले के संठी गांव में जन्मे डॉ राजीव सिंह के पिता स्व चंद्रमा सिंह आर्मी जवान थे. देश की सीमा पर अपने पिता को देश सेवा करते देख डॉ राजीव के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा आया और मानव सेवा को देख ही उन्होंने मेडिकल फील्ड चुन लिया. कश्मीर में सैनिक स्कूल की प्राइमरी पढ़ाई के बाद डॉ राजीव सीवान, पटना के बाद दिल्ली मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए चले गये. वहां फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर कई बड़े हॉस्पिटलों में काम के बाद पटना में अपनी सेवा दे रहे हैं.
पेन फ्री लाइफ से युवाओं को जोड़कर फ्री में इलाज
बचपन से ही मैं दूसरों की खुशी में अपनी खुशी देखता था. स्कूल के समय में ही दोस्तों को जोड़ कर सामाजिक कार्यों में लगा रहता था. सामाजिक क्षेत्र में काम करूं, इसके लिए मैंने मेडिकल फील्ड चुना. दिल्ली, मुंबई जैसे अस्पतालों में जब मैं काम करता था तो बड़े मरीज के साथ छोटे मरीज भी इलाज के लिए आते थे, पर कुछ ऐसे भी मरीज थे जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करा पाते थे. ऐसे में उन मरीजों से संपर्क कर अपने घर बुलाता और फ्री में फिजियोथेरेपी करता.
दुनिया में सब कोई किसी न किसी दर्द से पीड़ित है, भारत को दर्द मुक्त बनाऊं इसके लिए मैने पेन फ्री लाइफ नाम से एक एसोसिएशन बनाया, जिसमें पूरे राज्य से एक-एक यूथ फिजियोथेरेपी डॉक्टरों को जोड़ा. इसके लिए एक मिस्ड कॉल नंबर जारी किया, जो मरीज इस नंबर पर मिस्ड कॉल करते हैं या एसएमएस करते हैं, उन्हें मैं फोन कर उनकी परेशानी नोट करता हूं और जिस जिले से लोग फोन करते हैं वहां संबंधित यूथ डॉक्टर को भेज कर उस व्यक्ति का नि:शुल्क इलाज कराता हूं. इसमें 20 यूथ डॉक्टरों को शामिल किया हूं.
अब फिजियोथेरेपी पर होने लगा है विश्वास
बड़े मेट्रो शहरों की तुलना में पहले बिहार में फिजियोथेरेपी का उतना अधिक क्रेज नहीं था. हड्डी व नस रोग के डॉक्टर से इलाज के बाद मरीज दवा पर ही निर्भर रहते थे. जो लंबे समय तक चलता था, लेकिन जब मैंने कुछ लोगों को फिजियोथेरेपी की और उनका दर्द ठीक हुआ इसके बाद धीरे-धीरे लोगों में इस चिकित्सा पद्धति पर विश्वास होना शुरू हो गया. नतीजा बिहार के छोटे जिले में भी अब लोग इस चिकित्सा तकनीक का लाभ ले रहे हैं.
दर्द बढ़ रहे, तो संभावनाएं भी बढ़ेंगी
कोई भी पढ़ाई बेकार नहीं जाती, दुनिया में हर फील्ड की डिमांड है. अगर सच्चे मन व लग्न से किया गया हो. सभी क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोग दर्द से परेशान हैं, चाहे खिलाड़ी हो, डिफेंस जवान हो या फिर बॉलीवुड हस्तियां सभी को फिजियोथेरेपी डॉक्टर की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अगर यूथ फिजियोथेरेपी की पढ़ाई करते हैं, तो उनका भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि फिजियो के बिना चिकित्सा अधूरा है.
पापा की चोट ने इस फील्ड में आने को किया प्रेरित
डॉ राजीव कहते हैं कि 1992 में पापा का दार्जिलिंग में एक्सीडेंट हो गया, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आयी. हड्डी के इलाज के बाद डॉक्टरों ने फिजियोथेरेपी करने की सलाह दी. उस वक्त मैं पढ़ाई कर रहा था. फिजियोथेरेपी के माध्यम से पापा ठीक हो गये, तब से मैंने इस चिकित्सा में अपने को खोजने लगा और फिर दिल्ली से फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर लोगों का इलाज कर रहा हूं.
दिल्ली व मुंबई तक में जारी है मेरी यात्रा
दिल्ली में पढ़ाई के बाद मैं वहीं एक हॉस्पिटल में काम करने लगा. इसके बाद मैं मुंबई गया, जहां एक प्राइवेट अस्पताल में काम किया, सेवा भावना और अच्छे काम देख कई खिलाड़ी व फिल्म हस्तियां हमसे जुड़ गयीं. उसी दौरान मैंने प्रेम चोपड़ा सहित क्रिकेट में विराट कोहली आदि कई खिलाड़ियों का इलाज किया, नतीजतन आज भी मैं इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से जुड़ा हूं और मुंबई जाकर इलाज करता हूं. मुझे इसमें बहुत आनंद आता है़ आज भी दिल्ली व मुंबई में मेरा संघर्ष यात्रा जारी है.
प्रेम चोपड़ा के साथ राजीव
डॉ राजीव बॉलीवुड के अभिनेता गोविंदा, जॉन अब्राहम, सैफ अली खान, बॉबी देवल, दीपिका पादुकोन, शिल्पा शेट्ठी, रवीना टंडन, दिलीप कुमार, कैलाश खैर, प्रेम चोपड़ा के साथ कई भोजपुरी अभिनेता के साथ-साथ अनिल कुंबले, विराट कोहली, रवि शास्त्री आदि का इलाज कर चुके हैं.
बेस्ट चिकित्सा पर मिले सम्मान
2013 अर्जुन अवार्ड : खिलाड़ियों की बेहतर चिकित्सा करने पर यह अवार्ड मिला.
2014 पुनर्वास अवार्ड : विकलांगता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने को लेकर यह अवार्ड दिया गया.
2014 में राष्ट्रीय गौरव अवार्ड : यह अवार्ड दिल्ली में दिया गया
2015 में राष्ट्रपति अवार्ड : स्काउट एंड गाइड फिजिकल फिटनेस को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों अवार्ड दिया गया.
2015 में बिहार रत्न अवार्ड : बिहार में बेस्ट फिजियोथेरेपी को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के हाथों यह अवार्ड मिला
श्रीलंका 2016 में बेस्ट फिजियोथेरेपी का अवार्ड मिला
यूथ आइकॉन अवार्ड यह लंदन में 2017 में दिया गया.

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