दीपावली व छठ के एक माह पहले ही नो रूम

सीवान : लोक आस्था का महापर्व छठ व दीपावली करीब एक माह बाद है. लेकिन एक माह पहले ही बिहार आनेवाली सभी ट्रेनों की आरक्षण सीटें फुल हो जाने से दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले परदेशियों को घर आने की चिंता सता रही है. वैसे तो बिहार आनेवाली वैशाली, संपर्क क्रांति व आम्रपाली जैसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 5:39 AM

सीवान : लोक आस्था का महापर्व छठ व दीपावली करीब एक माह बाद है. लेकिन एक माह पहले ही बिहार आनेवाली सभी ट्रेनों की आरक्षण सीटें फुल हो जाने से दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले परदेशियों को घर आने की चिंता सता रही है. वैसे तो बिहार आनेवाली वैशाली, संपर्क क्रांति व आम्रपाली जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों का तो आरक्षण खुलने के साथ ही करीब 120 दिन पहले सभी श्रेणियों की आरक्षण सीटें फुल हो गयी हैं. ऐसी ट्रेनों में फिलहाल नो रूम की स्थिति है.

वहीं, अन्य ट्रेनों में दो सौ से लेकर तीन सौ तक प्रतीक्षा सूची का टिकट मिल रहा है. परिवार सहित घर आने की इच्छा रखने वाले लोगों की रेल द्वारा चलायी गयी विशेष ट्रेनों से भी पूरी होती नहीं दिखती. इन ट्रेनों की घोषणा होने के साथ ही सेकेंडों में सभी सीटें फुल हो गयीं. घर आने वाले अधिकांश मध्यमवर्गीय वर्ग से आते है. इसलिए वे हवाई जहाज से घर आ नहीं सकते. वैसे नयी दिल्ली से पटना का एयर टिकट 53 सौ से शुरू है.

दिल्ली से आने वाली ट्रेनों की स्थिति
ट्रेन का नंबर ट्रेन का नाम कब तक उपलब्ध नहीं ह सीट
12554 वैशाली सुपर फास्ट ट्रेन 29 अक्तूबर तक
12566 बिहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट 29 अक्तूबर तक
15708 आम्रपाली एक्सप्रेस 28 अक्तूबर
14006 लिच्छवी एक्सप्रेस 28 अक्तूबर
14674 शहीद एक्सप्रेस 24 अक्तूबर
14010 आनंद बिहार-जोगबनी 22 अक्तूबर
04404 नयी दिल्ली-बरौनी स्पेशल 24 अक्तूबर
12524 नयी दिल्ली-जलपाई गुड़ी 25 अक्तूबर
122412 नयी दिल्ली-नाहरलगुन 22 अक्तूबर
मथुरा से सीवान के लिए
22532 मथुरा-छपरा सुपर फास्ट 25 अक्तूबर
19709 कविगुरु एक्सप्रेस 14 नवंबर
मुंबई से सीवान के लिए
11059 छपरा एक्सप्रेस 02 नवंबर
कोलकाता से सीवान
15047 पूर्वांचल एक्सप्रेस 24 अक्तूबर
13019 बाघ एक्सप्रेस 26 अक्तूबर
बिचौलियों से तत्काल टिकट लेना ही उपाय
घर आने की उम्मीद रखने वाले लोगों के पास बिचौलियों के माध्यम से तत्काल टिकट लेना ही एक उम्मीद बची है. तत्काल टिकट काउंटरों से आम यात्रियों को लेना बस की बात है नहीं. जब भी तत्काल टिकट का समय होता है. सेकेंडों में तत्काल का कोटा समाप्त हो जाता है. जब भी छठ व होली जैसे त्योहार आने के होते हैं, इसके पहले रेल टिकट के बिचौलिये सक्रिय हो जाते है. कुछ तो बिचौलिये ऐसे हैं, जो दूसरे के नामों से पहले से टिकट बनवाकर रखते हैं. जब लोगों को आरक्षण टिकट की जरूरत होती है, तो ये यात्रियों से मनमाना पैसे लेकर टिकट उपलब्ध कराते हैं. यात्रियों को रास्ते में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए ये यात्रियों को फर्जी आईडी भी उपलब्ध कराते हैं.

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