विशेष धावा दल की गड़बड़ी की होगी जांच
सीवान : उत्पाद विभाग द्वारा गठित स्वतंत्र विशेष धावा दल द्वारा गड़बड़ी और मनमानी के मामले में जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा जांच का आदेश के बाद से ही महकमे में खलबली मची हुई है. इस मामले में नित्य नये खुलासे भी सामने आ रहे हैं. जिलाधिकारी महेंद्र कुमार के आदेश पर दो सदस्यीय टीम मामले […]
सीवान : उत्पाद विभाग द्वारा गठित स्वतंत्र विशेष धावा दल द्वारा गड़बड़ी और मनमानी के मामले में जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा जांच का आदेश के बाद से ही महकमे में खलबली मची हुई है. इस मामले में नित्य नये खुलासे भी सामने आ रहे हैं. जिलाधिकारी महेंद्र कुमार के आदेश पर दो सदस्यीय टीम मामले की जांच में जुटी है. इस मामले की जांच उत्पाद अधीक्षक अविनाश प्रकाश व कार्यपालक दंडाधिकारी सह उत्पाद विभाग के विशेष दंडाधिकारी नवल किशोर प्रसाद को सौंपी गयी है. मामला स्वतंत्र धावा दल द्वारा मनमानी व गड़बड़ी का है.
इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा, जब शराब पीने के आरोप में हाजत में बंद तीन आरोपितों को हाजत से छोड़ने का मामला सामने आया. इसकी शिकायत डीएम से लेकर सीएम तक की गयी. डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच का आदेश दिया. यह सब वाकया उत्पाद बैरक के हाजत से लेकर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
बताते चलें कि उत्पाद बैरक में कुल आठ कैमरे लगे हैं. मामला मैरवा से शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किये गये सात आरोपितों से संबंधित है. विशेष स्वतंत्र धावा दल ने सात को गिरफ्तार किया था. इनमें चार को ही जेल भेजा और तीन को मोटी रकम लेकर हाजत से ही छोड़ दिया. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में 29 नवंबर की सुबह 8.05 बजे एवं 9.08 बजे सुबह दो कैदियों को हाजत से निकालते हुए दो कैदियों को दिखाया गया है.
इसमें से एक कैदी को उत्पाद सिपाही द्वारा 9.11 बजे बैरक के मुख्य गेट से बाहर निकालते हुए कैमरे में कैद है. कैमरे के फुटेज के अनुसार उत्पाद सिपाही द्वारा हाजत में बंद अभियुक्त को सुबह मुक्त कर मुख्य सड़क पर जाकर परिजनों को सौंपने का वाक्या सीसीटीवी में दर्ज है. वहीं, दूसरे कैदी को बैरक के अंदर ही हाजत से बाहर दूसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे में बंद रखा गया था. 29 को ही 2.37 बजे अपराह्न में उत्पाद सिपाही द्वारा कमरे से निकाला जाता है जिसे अन्य सिपाही बाइक पर बैठाकर बैरक के मुख्य गेट से बाहर ले जाता है जो कैमरे में दर्ज हैं. मनमानी कर मोटी रकम लेकर तीन आरोपितों को छोड़ दिया गया है. इससे पहले भी 14-15 नवंबर को भी तीन आरोपितों को हाजत से छोड़ देने का मामला सामने आया था. इसकी शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी. हालांकि इस दिन सीसीटीवी फुटेज में यह मामला कैद नहीं हो सका था क्योंकि उस दिन इसमें तकनीकी खराबी बतायी जाती है. वह घटना भी स्वतंत्र विशेष धावा दल द्वारा ही अंजाम दिया गया था.
सब इंस्पेक्टर की शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
यहां यह भी बता दें कि विभाग के एक सब इंस्पेक्टर ने एक सिपाही पर गाली-गलौज व धमकी की शिकायत भी उत्पाद अधीक्षक से की थी और इस मामले को भी सीसीटीवी में दर्ज होने की बात कही थी. लेकिन इस मामले को भी दबा दिया गया. बता दें कि जिस उत्पाद सिपाही पर शिकायत की गयी थी वह भी इसी टीम का सदस्य बताया जाता है. इस टीम के कार्यकलाप से तो ऐसा ही लगता है कि इनको किसी का डर नहीं था. तभी तो एक तरफ जहां बिहार में पूर्ण शराब बंदी को सफल बनाने में सीएम से लेकर नीचे तक का पूरा अमला लगा हुआ है वहीं दूसरी तरफ उत्पाद विभाग के कर्मी ऐसी घटना को अंजाम देने की हिम्मत कर पा रहे हैं.
क्या कहते हैं डीएम
धावा दल के सदस्यों द्वारा की गयी गड़बड़ी की पूरी जांच करायी जा रही है. आवश्यक हुआ
तो इसमें और लोगों को लगाया जायेगा. जांच की रिपोर्ट के बाद
कड़ी कार्रवाई होगी. कोई भी दोषी नहीं बचेगा.
महेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, सीवान.