आठ दिन बाद जिंदगी की जंग हार गया शेर महम्मद

सीवान : पूर्वोत्तर रेलवे के थावे – सीवान रेलखंड पर कचहरी स्टेशन के समीप रेल पुल पर हुए ट्रेन हादसे में घायल तीन वर्षीय शेर महम्मद आठवें दिन पीएमसीएच में जिंदगी की जंग अंतत: हार गये. उनकी मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गम में डूब गये. अधिकतर घरों में चूल्हा नहीं जला. लोग मातम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2018 12:48 AM
सीवान : पूर्वोत्तर रेलवे के थावे – सीवान रेलखंड पर कचहरी स्टेशन के समीप रेल पुल पर हुए ट्रेन हादसे में घायल तीन वर्षीय शेर महम्मद आठवें दिन पीएमसीएच में जिंदगी की जंग अंतत: हार गये. उनकी मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गम में डूब गये. अधिकतर घरों में चूल्हा नहीं जला. लोग मातम में रहे. शेर महम्मद की मां खुशबुन नेशा की चार अन्य लोगों के साथ घटना के दौरान ही मौत हो चुकी थी.
गंभीर स्थिति में शेर महम्मद को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. मृतक का शव गोपालगंज पहुंचते ही पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तथा परिजनों को सौंप दिया. ग्रामीण मासूम को मिट्टी देने की तैयारी में जुटे हुए थे.
ध्यान रहे कि गत एक फरवरी को कुचायकोट थाना के चकहसना गांव के लोग सीवान के यूनानी कॉलेज के समीप इबादत करने गये थे जहां दो फरवरी की सुबह आजान खत्म होने के बाद 12 लोग ट्रेन पकड़कने के लिए दाहा नदी पर बने रेल पुल को पार कर कचहरी स्टेशन जा रहे थे. इसी बीच सीवान जंक्शन से 55075 अप सवारी गाड़ी आ गयी. कुहासे के कारण ट्रेन दूर से दिखाई नहीं दी. पास में अचानक ट्रेन देखकर सात लोगों ने कूद कर जान बचा ली, पांच लोग ट्रेन की चपेट में आ गये.
इसमें चकहसना गांव के इंद्रासन प्रसाद की पत्नी सरस्वती देवी, एनुल्लाह उर्फ सुकुट की पत्नी खुशबुन नेशा, नगर थाने के इंदरवा गांव की निशा तथा तकिया गांव के महम्मद असलम की मौत हो गयी. वहीं मृतका खुशबुन नेशा का तीन वर्षीय बच्चा मुन्ना उर्फ शमशेर गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. मां के बाद बच्चे की मौत से पूरा इलाका गमगीन है.
शेर महम्मद की मौत से हरा हो गया जख्म
सीवान ट्रेन हादसा का जख्म एक सप्ताह बाद फिर ताजा हो गया. शेर महम्मद की मौत से इंद्रासन प्रसाद की पत्नी सरस्वती देवी, नगर थाने के इंदरवा गांव की निशा तथा तकिया गांव के महम्मद असलम की मौत का जख्म हरा हो गया. इस घटना की दर्द ने पीड़ितों के परिवार को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया है.
बीवी के बाद बच्चे को खोकर सदमे में एेनुल्लाह
सासामुसा : सीवान ट्रेन हादसा में घायल शेर महम्मद उर्फ मुन्ना को बचाने के लिए परिजनों ने डेढ़ लाख रुपया कर्ज लेकर इलाज कराया. इस दौरान जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी. फिर भी बच्चे की जान नहीं बचा पाये. इस सदमे से चकहसना गांव के एेनुल्लाह अंसारी बदहवास हो चुके हैं. पहले बीवी की मौत अब बच्चे की मौत की गम ने पूरी तरह से तोड़ दिया है. साइकिल का पंक्चर बनाकर बाल बच्चों को रोटी का इंतजाम करने वाले एेनुल्लाह के सामने दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. उसके सामने बेटा शेर महम्मद का जनाजा पड़ा हुआ था.
जबकि शेर महम्मद के एक भाई अली शेर, बहन सलेहा खातून, सबेया खातून, आशिया खातून की आंखों से आंसू नहीं सूख रहे. शेर महम्मद की मौत के बाद सगे संबंधी और रिश्तेदारों की भीड़ शुक्रवार को पूरे दिन लगी रही. बच्चे की मौत ने गांव के लोगों को भी आंसुओं में डुबो दिया. किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि इस तरह का हादसा देखने को मिलेगा.
दरअसल ये सभी लोग घर में अमन, चैन और सुख मांगने गये थे, लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था.

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