इराक में बिहार के दो लाल को ISIS ने मार डाला, पसरा मातम
सीवान : इराक के मोसुल से अगवा कियेगये सभी 39 भारतीयनागरिकों कोआइएसआइएस के आतंकवादियों ने मार दिया. यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में दी.मारेगये 39 भारतीयों में दो बिहार के सीवान से थे. जिसका नाम संतोष सिंह और विद्याभूषण है. जिसकी पुष्टि के बाद सासाराव गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. असांव […]
सीवान : इराक के मोसुल से अगवा कियेगये सभी 39 भारतीयनागरिकों कोआइएसआइएस के आतंकवादियों ने मार दिया. यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में दी.मारेगये 39 भारतीयों में दो बिहार के सीवान से थे. जिसका नाम संतोष सिंह और विद्याभूषण है. जिसकी पुष्टि के बाद सासाराव गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. असांव थाना के सासाराव गांव में जैसे ही खबर पहुंची कि 2012 से गायब संतोषसिंह और विद्याभूषण की लाश इराक के मोसुल में एक सामूहिक कब्रगाह में मिली तो उनके घरों में मातम पसर गया.
I don't know what to say. Since 2014 I had been pleading with the govt to bring him back somehow and today they say that he is no more: Puroshottam Tiwari, Uncle of Vidya Bhushan Tiwari, who was among 39 Indians killed in Iraq's Mosul (#Bihar, Siwan) pic.twitter.com/FoHDYvV6hH
— ANI (@ANI) March 20, 2018
30 साल के विद्याभूषण तिवारी के पिता का नाम स्व. मधुसूदन तिवारी हैं. उन्होंने बताया कि उनका बेटा 2011 में इराक में कंट्रक्शन कंपनी में काम के लिए गया था. इसी गांव के चंद्रमोहन सिंह का पुत्र संतोष सिंह भी काम करने के लिए विध्याभूषण साथ इराक गये थे. संतोष सिंह अविवाहित थे. इस खबर के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. ये दोनों 2011 में एजेंट के जरिये काम करने के लिए इराक गये थे.
संतोष सिंह के भाई पप्पू सिंह ने बताया कि 12 जून 2012 को बात हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी कहीं दूसरी जगह ले जा रही है. फिर 14 जून को फोन आया कि उनकी मौत हो गयी. इराक से ही फोन आया था, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि किसने फोन किया था. मंगलवार को सुषमा स्वराज ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने इराक में भारतीय राजदूत और इराक सरकार के एक अधिकारी के साथ बदूश शहर जा कर जब अगवा भारतीयों की खोज शुरू की.
क्या कहते हैं डीएम
इराक में गायब हुए सहसरांव के दो लोगों की पहचान के लिये अक्टूबर में ब्लड सेंपल भेजा गया था. अभी तक इस संबंध में मुझे कोई अधिकारिक पत्र तो नहीं मिला है. लेकिन, सदन में विदेश मंत्री द्वारा सभी के पहचान की घोषणा की गयी है. इनमें सीवान के दोनों के नाम होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है. (महेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, सीवान)