सीवान : स्थानीय रेलवे कॉलोनी निवासी रेल कर्मचारी अनिल कुमार श्रीवास्तव के क्वार्टर में करीब एक सप्ताह पूर्व हुई चोरी के मामले में खुलासे के लिए जीआरपी तांत्रिकों की शरण में है. पिछले दो दिनों से रेल कर्मी अनिल कुमार श्रीवास्तव के क्वार्टर में जीआरपी के थानाध्यक्ष नंद किशोर सिंह तांत्रिक को लेकर जा रहे हैं. घर के लोगों से तांत्रिक कभी दीपक जलाने को कहता है, तो कभी अक्षत, हल्दी आदि की मांग कर रहा है.
मंगलवार को दोपहर में करीब दो बजे थानाध्यक्ष तांत्रिक को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे. तांत्रिक ने पूजा-पाठ के बाद दीपक जलाया तथा शाम तक मामले का भंडाफोड़ किये जाने का दावा किया. लेकिन, पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद बुधवार की दोपहर तांत्रिक फिर घटनास्थल पर पहुंचा तथा घर के लोगों से अक्षत लेकर अपने गुरु के पास मैरवा चलने के लिए कहा. तांत्रिक ने कहा कि वहीं चोरों के नाम का खुलासा करेंगे.
पीड़ित ने थानाध्यक्ष को पत्र लिख कर चोरों को छोड़ने का लगाया आरोप
रेलवे के सहायक इंजीनियर के कार्यालय अधीक्षक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने जीआरपी थानाध्यक्ष को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि ”घटना के दो दिनों तक आपके द्वारा घटना के संबंध में न तो कोई जांच की गयी और न ही पूछताछ. हमलोगों ने दो चोरों को पकड़ा था. चोरों ने चोरी की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार भी की. तीसरे अपराधी का नाम चंदन बताया. दोनों चोरों ने बताया भी कि चंदन के कहने पर ही वे दोनों चोरी करने आये थे. दोनों चोरों को जीआरपी को सौंपे जाने के बावजूद आपने बिना कुछ पूछताछ किये उन्हें छोड़ दिया. आपके द्वारा दोनों अपराधियों को छोड़े जाने के बाद हमें धमकी दी जा रही है.
आंदोलन करने की दी चेतावनी
रेलवे के इंजीनियर अनिल कुमार ने अपने पत्र में थानाध्यक्ष से चोरी गये सामान को बरामद करने का आग्रह करते हुए कहा है कि रेल कॉलोनी परिसर में अनधिकृत रूप से घुमनेवाले लोगों पर रोक लगाने की मांग की है, जिससे रेलवे कॉलोनी में चोरी की घटनाओं पर रोक लगायी जा सके. साथ ही रेलकर्मी बिना तनाव के काम कर सके. उन्होंने आरोप लगाया है कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो माना जायेगा कि चोरी की घटना में आपकी भी संलिप्तता है. इस परिस्थिति में सीवान के सभी रेलकर्मी आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
क्या कहते है अधिकारी
इस संबंध में मुजफ्फरपुर के रेल पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी घटना के खुलासे में किसी प्रकार की मदद लेने के लिए थानाध्यक्ष स्वतंत्र है. अगर वह तांत्रिकों की मदद ले रहे हैं, तो उन्हें लेने दीजिए. पुलिस की इस समय मदद कोई नहीं करता. जहां तक दो लोगों को छोड़ने की बात है, तो वे लोग जीआरपी की मदद अज्ञात शव को उठाने में करते हैं. किसी निर्दोष को मारपीट कर पुलिस को सौंपना ठीक नहीं है. जिन दो लोगों को रेलकर्मियों ने जीआरपी को सौंपा था. उनके विषय में भी जांच की जा रही है.