सीवान: बिहार के सीवान जिले के जिलाधिकारी ने आधी रात को सदर अस्पताल का निरीक्षण क्या किया, सारा कुव्यवस्था एक दिन में ही सामने आ गयी. जी हां, डीएम ने औचक निरीक्षण के लिए, जिस वक्त का चुनाव किया, उसके बारे में कर्मचारी सोच भी नहीं सकते थे. बुधवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे जिलाधिकारी महेंद्र कुमार औचक निरीक्षण करने सदर अस्पताल पहुंच गए . डीएम के सदर अस्पताल पहुंचते ही स्वास्थ्यकर्मियों के बीच हड़कंप मच गया . सदर अस्पताल में अव्यवस्था देख डीएम काफी नाराज हुए .
सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर खड़े युवकों से पूछा की तुम लोग प्राइवेट एंबुलेस चालक हो . जब दोनों ने जैसे ही हां कहा. डीएम ने स्वयं उसकी पिटायी शुरू कर दी. इसके बाद डीएम के गार्डों ने दोनों की पिटायी कर अपने कब्जे में ले लिया. उसके पास पास ही एक खड़े एंबलेंस में सो रहे चालक को जगाया . उसकी भी पिटायी कर अपने कब्जे में लिया. इसके बाद डीएम ने आपात कक्ष में प्रवेश किया. आपात कक्ष में एक युवक मरीजों का इलाज कर रहा था. उससे डीएम ने पूछा तो अपना नाम वीरेंद्र प्रसाद बताया . इसके बाद उसका मोबाइल को डीएम ने चेक किया तो जनार्दन प्रसाद नामक एक सरकारी कर्मचारी का नंबर डायल मिला. डीएम को उसने बताया की जनार्दन ने ही उसे रखा है तथा अस्पताल में काम सीखता है.
डीएम ने जनार्दन को उसके कमरे से बुलवाया . उसने पूछताछ के दौरान कोई सही जबाब नहीं दिया तो उसकी भी पीटायी गार्डों द्वारा की गई तथा हिरासत में लिया गया. डीएम महिला वार्ड में गए. वहां पर सुरक्षा में तैनात महिला गृह रक्षा वाहिनी के जवानों को देखकर डीएम काफी नाराज हुए. उन्होंने यूनिफॉर्म में नहीं रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों एवं सुरक्षा गार्डों से शो कॉज करने का निर्देश एसीएमओ डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय को दिया. इधर प्रभारी सिविल सर्जन सह एसीएमओ डॉ. प्रामेद कुमार पांडेया ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर यूनिफॉर्म में नहीं रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों एवं सुरक्षा गार्डों से शो कॉज किया गया है. इधर डीएम द्वारा नगर थाने को जिन पांच लोगों को सुपुर्द किया गया है. उसमें प्राईवेट एंबुलेंस चालक ललन सिंह, संजय दुबे, मदन प्रसाद, सरकारी कर्मचारी जनार्दन प्रसाद तथा अनाधिकृत नीजी कर्मचारी विरेंद्र प्रसाद शामिल है.
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