गोपालगंज/सीवान : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान लक्ष्मी ने दम तोड़ दिया था. अस्पताल के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज था, लेकिन पुलिस ने उसे लावारिस घोषित कर शव को ठिकाना लगा दिया. परिजनों को जब लक्ष्मी की मौत की जानकारी मिली तो वे थानों में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए ठोकर खा रहे हैं.
लक्ष्मी सीवान जिले के सराय थाना क्षेत्र के बड़कागांव स्व अंबिका सिंह की बेटी है. लक्ष्मी की शादी इसी थाना क्षेत्र के सहलौहाता गांव के हरिशंकर सिंह के साथ वर्ष 2007 में हुई थी. उसे दो बच्चे भी हैं. पति के सामने ही उसकी सास राजकुमारी कुंवर बीते 19 अप्रैल को रात के 10 बजे लक्ष्मी को नैहर पहुंचाने के बहाने बुलाकर ले गयी. रात के 12 बजे लौट आयी. दूसरी ओर गंभीर स्थिति में लक्ष्मी को किसी ने हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां से रात में प्राथमिक उपचार कर सदर अस्पताल में एंबुलेंस चालक ने लाकर उसे भर्ती करा दिया जहां उसकी मौत हो गयी. उसके पर्चे पर नाम लक्ष्मी देवी पति का नाम हरिशंकर सिंह बड़कागांव दर्ज था. नगर थाने की पुलिस इस पते का सत्यापन करने की बजाय उसे लावारिस घोषित कर अंतिम संस्कार कर दी. अब लक्ष्मी देवी के भाई सराय, हथुआ तथा नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए ठोकर खा रहा है. नगर थाने की सब इंस्पेक्टर वीएन राय इस मामले की जांच करने भी गये. पीड़ित परिजनों ने पुलिस का वीडियो भी बना कर रखा है, लेकिन नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. जब इस संबंध में नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार ने इस मामले में कुछ भी बताने से इन्कार किया, जबकि एएसपी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है. मैंने आज ही योगदान दिया है.