सीवान : बिहार के सीवान में महाराजगंज थाना क्षेत्र के जिगरवां गांव के मियां टोला में आयी बारात बिना दुल्हन बैरंग लौट गयी. बारात लौटने के पीछे कई तरह की कहानियां गढ़ी जा रही है. दुल्हन जहां सांवले रंग का दूल्हा देख शादी से इन्कार करने की बात कही रही है तो वहीं उसके परिजन दूल्हे को मिर्गी का रोगी बता शादी न करने की बात कही है. हालांकि इसे ले पंचायती भी हुई,लेकिन बात नहीं बनी. अंत में दूल्हा पक्ष को बैरंग वापस बिना दुल्हन लौटना पड़ा.
जिगरवा गांव के मियां टोला गांव निवासी राजवंशी यादव ने अपनी बेटी संगीता की शादी भगवानपुर थाना क्षेत्र के चोरमा के टोले टारवां निवासी दसई यादव के पुत्र राहुल से तय की थी. तय समय अनुसार शुक्रवार को धूमधाम से बरात पहुंची. बरात पहुंचते ही द्वार पूजा आदि विधि धूमधाम से संपन्न हो गया. इसके बाद दूल्हा आंगन में पहुंचा. दूल्हे का सांवला रंग देख दुल्हन भड़क उठी. उसने शादी से इन्कार कर दिया. इधर, परिजन भी दूल्हा का साथ देते हुए दूल्हे को मिर्गी का मरीज बताते हुए शादी न करने की बात कही.
इसकी जानकारी जब दूल्हे के पिता दसई यादव को हुई तो वे दुल्हन के पिता को मनाने पहुंचे. उन्होंने शादी संपन्न करवाने की बात कही.लेकिन, दुल्हन के पिता मानने को तैयार नहीं थे. इसके बाद पंचायती बुला ली गयी. दोनों पक्ष के लोगों ने भी अपनी बात रखी परंतु वधू पक्ष ने शादी न करने की ठान ली थी. इसके बाद बारात बिना दुल्हन बैरंग लौट गयी. वर पक्ष के लोगों का कहना था कि छह माह पूर्व शादी का दिन सुनिश्चित हुआ. लड़की और लड़के पक्ष के लोगों ने एक-दूसरे के बारे में पूरी जानकारी लेकर शादी का दिन रखा था. अब बरात को बैरंग लौटना उचित नहीं है . समाचार प्रेषण तक किसी प्रकार की सूचना थाना पुलिस को भी नहीं थी.
ये भी पढ़ें… शादीशुदा महिला को लेकर फरार हुए मनचले के गांव लौटने पर ग्रामीणों ने ऐसे किया स्वागत