शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा बरकरार, कोर्ट ने दिया तगड़ा झटका
नयी दिल्ली : सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है. शीर्ष अदालत ने सीवान में दो भाइयों सतीश राज और गिरीश राज की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. इस दोहरे हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा […]
नयी दिल्ली : सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है. शीर्ष अदालत ने सीवान में दो भाइयों सतीश राज और गिरीश राज की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है.
इस दोहरे हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी. इसी फैसले के खिलाफ बाहुबली नेता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने शहाबुद्दीन की अपील को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि इस दोहरे हत्याकांड के गवाह तीसरे भाई राजीव रोशन की अदालत में गवाही देने जाते समय हत्या क्यों की गयी?
इस हमले के पीछे कौन था? कोर्ट ने कहा है कि वह हाइकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा. इस अपील में कानूनी तथ्य नहीं हैं. मालूम हो कि अगस्त, 2004 में सीवान में दो भाइयों सतीश राज और गिरीश राज की शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर में ही तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गयी थी.
बाद में इस हत्याकांड के इकलौते चश्मदीद और उनके तीसरे भाई राजीव रोशन की भी 16 जून, 2014 को बीच चौराहे पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में नौ दिसंबर, 2015 को निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए शहाबुद्दीन व अन्य आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इसके बाद शहाबुद्दीन ने 2017 में फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने अपील की थी, लेकिन वहां भी उसकी अपील खारिज हो गयी थी.