कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी है दावं पर

* प्रत्याशियों के भाग्य का आज खुलेगा पिटारा, समर्थकों में बढ़ी बेचैनी।। बाल्मीकि मणि तिवारी/वकील प्रसाद ।। सीवान/महाराजगंज : महाराजगंज के महासंग्राम का नतीजा आज आने वाला है. प्रत्याशियों के साथ-साथ कई सूरमा भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि सभी की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई है. यही नहीं उपचुनाव का परिणाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

* प्रत्याशियों के भाग्य का आज खुलेगा पिटारा, समर्थकों में बढ़ी बेचैनी
।। बाल्मीकि मणि तिवारी/वकील प्रसाद ।।
सीवान/महाराजगंज : महाराजगंज के महासंग्राम का नतीजा आज आने वाला है. प्रत्याशियों के साथ-साथ कई सूरमा भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि सभी की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई है. यही नहीं उपचुनाव का परिणाम किसी के राजनीतिक सफर को मुकाम पर पहुंचा देगा, तो किसी के लिए राजनीति का अंतिम सफर होने वाला है. खैर जो भी यह बुधवार को आने वाले परिणाम से पता चलेगा.

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि किस की नैया बीच मझधार में डूबती है या फिर किसकी नैया पार निकलती है. महाराजगंज संसदीय क्षेत्र के पिछले यानी 2009 के आंकड़ों पर गौर करें तो उपचुनाव का मतदान प्रतिशत पिछले साल की अपेक्षा बहुत ही कम हैं. पिछले वर्ष कुल 12 लाख तीन सौ मतदाता थे, इसमें से मात्र पांच लाख 87 हजार 500 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था.

मतदान का प्रतिशत 52 प्रतिशत था. वहीं इस बार के उपचुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो मतदाताओं की संख्या कुल 14 लाख 31 हजार 132 थी, इसमें (लगभग में ) कुल छह लाख 72 हजार 632 मतदाताओं ने ही मत का प्रयोग किया. इसके चलते मतदान प्रतिशत 47 प्रतिशत ही रह गया.

पिछले बार विजयी प्रत्याशी स्व. उमाशंकर सिंह को सबसे अधिक दो लाख 11 हजार 600 व हारने वाले प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को दो लाख आठ हजार 813 मत मिले थे. वहीं तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रत्याशी तारकेश्वर को 80 हजार 162 मत प्राप्त हुए थे.

2009 में हुए चुनाव पर विधानसभावार एक नजर
गोरयाकोठी विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 46,454, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 39,495 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 8,912 मत मिले. महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 40,672, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 30,751 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 10,478 मत मिले थे.

एकमा विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 37,355, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 28,830 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 5,388 मत मिले थे. मांझी विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 40,455, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 29,921 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 4,700 मत मिले थे.

बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 24,384, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 40,533 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 25,721 मत मिले थे. तरैया विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी उमाशंकर सिंह को 22,288, एनडीए प्रत्याशी प्रभुनाथ सिंह को 39,283 व कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह को 21,036 मत प्रवप्त हुए थे.

* स्टार प्रचारकों की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
सीवान : महाराजगंज उपचुनाव में एनडीए, राजद व कांग्रेस ने अपने-अपने स्टार प्रचारकों को प्रचार-प्रसार के लिए चुनावी समर में उतारा था. यहीं नहीं जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राजद की बागडोर संभाल रखी थी, वहीं नीतीश कुमार ने तीन दिन धुआंधार सभा की. अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि प्रार्टी प्रमुख व स्टार प्रचारकों द्वारा किया गया भ्रमण प्रत्याशियों की जीत में कितनी भूमिका निभा पता है.

यहां बता दें कि एक ओर महाराजगंज उपचुनाव को सेमीफाइनल के रूप में प्रचारित किया जा रहा था. लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने महाराजगंज अनुमंडल क्षेत्र में अंतिम दौर की अपनी सभाओं में कहा था कि यह उप चुनाव प्रभुनाथ सिंह नहीं बल्कि लालू प्रसाद लड़ रहे हैं. ठीक इसके विपरीत अंतिम दौर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट लहजे में कहा था कि इस उपचुनाव पर पूरे देश की निगाह टिकी हुई है.

मुख्यमंत्री के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के साथ एनडीए के दर्जनों काबीना मंत्री, मंत्री, सांसद व विधायकों ने भी सघन दौरा कर प्रचार-प्रसार किया था. वहीं राजद ने भी बड़ी संख्या में स्टार प्रचारकों को चुनावी समर में उतार रखा था.

* हो सकती है 2009 की पुनरावृत्ति
महाराजगंज का संसदीय क्षेत्र भारत की राजनीति में काफी लोकप्रिय रहा है. चाहें संसद हो या फिर विधान सभा का सत्र. महाराजगंज की चर्चा सरेआम होती रही है. क्योंकि संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर जैसे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त राजनेता बागडौर संभाल चुके है. उपचुनाव की बात करें तो 2009 की स्थिति को न दोहरा दे.

क्योंकि एनडीए की लहर के बावजूद राजद इस सीट से विजयी हुआ था. साथ ही 2009 में एनडीए के प्रत्याशी रहे पूर्व सांसद इस बार उपचुनाव में राजद की ओर से भाग्य आजमा रहे हैं. बता दें कि 2009 में पूरे बिहार में एनडीए की लहर चल रही थी. इस चुनाव में एनडीए ने तीन बार सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था.

वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने क्षेत्र के लोकप्रिय नेता उमाशंकर बाबू के हाथों में बागडौर दी थी. और चुनाव में लालू प्रसाद की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए जीत हासिल की थी.

* बहुत कठिन है जीत की डगर
सीवान/महाराजगंज : महाराजगंज उपचुनाव में छह प्रत्याशी मैदान में इसमें तीन प्रत्याशी अन्य जिलों से हैं, जिनकी तुलना स्थानीय जिले के प्रत्याशियों से दूर-दूर तक नहीं की जा सकती है. एनडीए उम्मीदवार पीके शाही काफी सुलझे हुए व्यक्ति हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री शाही पर जो दावं खेला है, देखना है वह कितना कारगर होता है. वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद तो किसी भी हाल में महराजगंज सीट को गंवाना नहीं चाहते हैं. एनडीए की लहर सारण प्रमंडल में छपरा व महाराजगंज सीट पर उनकी पार्टी विजयी हुई थी, इसलिए उन्होंने तीन बार सांसद रह चुके व क्षेत्रीय नेता प्रभुनाथ सिंह के हाथों में बागडौर सौंपी थी.

इधर कांग्रेस ने राजद से सांसद रहे स्व: उमाशंकर सिंह के पुत्र जितेंद्र स्वामी को टिकट दे राजद व एनडीए के खेमे में कुछ देर के लिए हलचल पैदा कर दी. पक्ष व विपक्ष दोनों ही कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र स्वामी को हल्के में नहीं ले रहे. जो भी हो तीनों के भाग्य का फैसला बुधवार को होगा.

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