पटना : बिना अधिकारी और लैब के हो रही जांच

पटना : बिहार के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेदारी महज 14 अधिकारी संभाल रहे हैं. लोगों के घरों में दूध, फल, सब्जी या कोई खाने की सामग्री शुद्ध जाये, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य संरक्षा अधिकारी समय-समय पर कहीं-कहीं छापेमारी करते हैं. लेकिन, सच्चाई यह है कि बिहार के सभी जिलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2019 9:41 AM
पटना : बिहार के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेदारी महज 14 अधिकारी संभाल रहे हैं. लोगों के घरों में दूध, फल, सब्जी या कोई खाने की सामग्री शुद्ध जाये, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य संरक्षा अधिकारी समय-समय पर कहीं-कहीं छापेमारी करते हैं. लेकिन, सच्चाई यह है कि बिहार के सभी जिलों में छापेमारी करने के लिए महज 14 अफसर प्रमंडल स्तर पर तैनात है. ऐसे में किस तरह की जांच होती होगी, यह सोचने वाली बात है. वहीं, बिहार में लैब की हालत भी कुछ इसी तरह की है जहां आज भी छोटी-बड़ी जांच के लिए सैंपल को दूसरे राज्यों में भेजा जाता है.
यह है बहाली को लेकर पूरा मामला
राज्य में खाद्य संंरक्षा के 91 पद खाली हैं, जिसकी अंतिम बहाली 2004 में हुई थी. उसके बाद से अभी तक कोई भी बहाली नहीं हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने 2014 में कांट्रैक्ट पर इन सभी पदों को भरने की कोशिश की थी, जिसके लिए विज्ञापन भी निकला गया. लेकिन, प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया. उसके बाद दोबारा से बहाली नहीं हो पायी है.
ये हैं खाली
105 पद, फूड सेफ्टी अधिकारी
24 पद, एडीओ, सहायक अभिहित पदाधिकारी
19 पद, डीओ, अभिहित पदाधिकारी
05 पद, डिप्टी फूड सेफ्टी कमिश्नर
14 अधिकारियों को प्रभारी डीओ बनाया गया
स्वास्थ्य विभाग ने एक अक्टूबर, 2011 में फूड इंस्पेक्टर को प्रभारी डीओ के पद पर प्रोमोट कर दिया था. लेकिन, वेतनमान अभी तक फूड इंस्पेक्टर का मिल रहा है. छापेमारी के लिए कोई अलग से टीम नहीं है. छापेमारी के दौरान पुलिस कंट्रोल रूम से संबंधित क्षेत्र से दो-चार जवान मुहैया कराये जाते हैं. इसके अतिरिक्त कहीं से इनको कोई सुविधा नहीं मिलती है.
110 पदों की बहाली के लिए नियमावली बन गयी है. फाइल को तकनीकी आयोग को भेज दिया गया है. बहुत जल्द बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
– संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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