अपने चहेते को शिक्षक बनाने के लिए मेधा सूची में हुई थी हेरफेरी
सीवान : शिक्षक नियोजन में हुए धांधली का खुलासा कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद हो गया है. जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास है. ऐसे में जहां भी धांधली हुई है वहां के पीड़ित आवेदकों में मन में एक नई उम्मीद की किरण उभरकर सामने आयी है. इससे पूर्व हमने आपको सिसवन प्रखंड में […]
सीवान : शिक्षक नियोजन में हुए धांधली का खुलासा कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद हो गया है. जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास है. ऐसे में जहां भी धांधली हुई है वहां के पीड़ित आवेदकों में मन में एक नई उम्मीद की किरण उभरकर सामने आयी है.
इससे पूर्व हमने आपको सिसवन प्रखंड में 51 शिक्षकों के नहीं हो रहे वेतन भुगतान के बारे में बताया था, आज जीरादेई और पचरूखी प्रखंड में हुए शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की बारे में जानकारी दे रहे है, जिसकों जांच कमेटी के सदस्यों में अपने मंतव्य के साथ उल्लेखित किया है.
जांच कमेटी का नेतृत्व तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी अमन समीर ने किया था. जीरादेई में वर्ष 2008 में हुए प्रखंड शिक्षक नियोजन में भी जांच रिपोर्ट में धांधली की शिकायत की गयी है. कमेटी ने माना है कि नियोजन इकाइयों द्वारा अपने चहेते को शिक्षक बनाने के लिए मेधा सूची तैयार करने के दौरान व्हाइट्नर का प्रयोग किया गया.
अपनी टिप्पणी में कमेटी ने कहा है कि वर्ष 2008 में जीरादेई में प्रखंड शिक्षक के लिए 92 पद आवंटित था. जिसके विरुद्ध 67 शिक्षकों का नियोजन हुआ, और 25 पद रिक्त रहा. नियोजित 67 शिक्षकों में 35 अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर नियुक्त हुए
. वर्ष 2008 में तैयार मेधा सूची की जांच में कमेटी ने पाया है कि क्रमांक-32 एवं 33 पर जिनका नाम अंकित है, उसका बाद में व्हाइट्नर का प्रयोग करके अंकित किया गया है. वहीं मेधा सूची के क्रमांक 105, 194 तथा क्रमांक 198 पर अंकित नाम भी बाद में शामिल किया गया है. ये सभी मामले परिवाद पत्र की जांच के बाद सामने आया है.
जांच समिति ने जो टिप्पणी की है उसमें कहा है कि प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा तैयार मेधा सूची में व्हाइट्नर का प्रयोग कर पूर्व निर्धारित क्रमांक में जबरन नाम का समायोजन किया जाना, नियोजन में हुए अनियमितता का बहुत बड़ा द्योतक है. वहीं वर्ष 2008 में पचरुखी प्रखंड में हुए 32 अभ्यर्थियों के नियोजन को गलत बताया गया है, जिसके संबंध में नियोजन के लिए आवेदन ही जमा नहीं किया गया था.
इस मामले का खुलासा जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के आदेश ज्ञापांक-22 दिनांक 10 नवंबर 2012, ज्ञापांक-31 दिनांक 30 दिसंबर 2011, ज्ञापांक-15 दिनांक 28 नवंबर 2011, ज्ञापांक-1463 दिनांक 12 नवंबर 2011 तथा ज्ञापांक-22 दिनांक 10 दिसंबर 2011 से हुआ है.