पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास
सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में पति को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही आठ हजार जुर्माना लगाया है. नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. बताते चले कि सात दिसंबर 2012 को पुलिस […]
सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने पत्नी की हत्या के मामले में पति को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही आठ हजार जुर्माना लगाया है. नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. बताते चले कि सात दिसंबर 2012 को पुलिस ने नौतन थाना के सेमरा खुर्द निवासी यदुनंदन यादव की पुत्री सुनीता देवी का शव बरामद किया था.
यदुनंदन यादव ने अपने बयान में कहा है कि घटना के करीब 7 वर्ष पूर्व अपनी पुत्री सुनीता देवी की शादी नौतन थाना के गोसाई टोला खास मिश्रौली निवासी धर्मेंद्र यादव के साथ हुई थी.
जिसका उम्र करीब घटना के समय छह वर्ष था. उसने आवेदन में कहा है कि मेरा दामाद धर्मेंद्र यादव कमाने विदेश गया था. सूचक ने अपने गवाही के दौरान कहा है कि मेरा दामाद धर्मेंद्र यादव सऊदी में एक हत्या के मामले में छह वर्ष तक जेल में सजा काट चुका था.
घटना से एक सप्ताह पूर्व विदेश से लौटने के बाद ससुराल आ कर मेरी पुत्री सुनीता को अपने घर ले गया. मेरी पुत्री की हत्या कर मिश्रौली नहर के पास फेंक दिया था. ग्रामीणों द्वारा सूचना मिलने पर मैंने अपनी बेटी की पहचान कर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
न्यायालय में अभियोजन से एपीपी सुदामा ठाकुर, अधिवक्ता प्रभात कुमार सिंह, बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्येंद्र मिश्रा का बहस सुनने के बाद कोर्ट ने पति धर्मेंद्र यादव को हत्या आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. कोर्ट ने भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास, 5 हजार जुर्माना, 201 में तीन वर्ष सश्रम कारावास, तीन हजार जुर्माना किया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त सजा काटनी होगी.