मो शहाबुद्दीन से जुड़े सात मामलों में नहीं हुई सुनवाई
सीवान : मंडल कारा में गठित विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में शहाबुद्दीन से जुड़े तीन मामले सुनवाई के लिए निर्धारित थी. अभियोजन द्वारा दो मामलों में साक्ष्य प्रस्तुत करना था लेकिन विशेष अभियोजक जय प्रकाश सिंह का सुरक्षा गार्ड वापस लेने के कारण पटना से आ […]
सीवान : मंडल कारा में गठित विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में शहाबुद्दीन से जुड़े तीन मामले सुनवाई के लिए निर्धारित थी. अभियोजन द्वारा दो मामलों में साक्ष्य प्रस्तुत करना था लेकिन विशेष अभियोजक जय प्रकाश सिंह का सुरक्षा गार्ड वापस लेने के कारण पटना से आ कर विशेष न्यायालय में उपस्थित नहीं रहे. इस कारण कोर्ट में अभियोजन द्वारा साक्ष्य उपस्थित नहीं कराया गया.
दोनों मामलों में गवाह प्रस्तुत करना था. एक मामला दारोगा प्रसाद राय महाविद्यालय में शहाबुद्दीन के साथ समर्थकों ने एक परीक्षा के दौरान तत्कालीन एसडीपीओ संजीव कुमार पर एके 47 व पिस्टल से हमला करने का था.बताते चलें कि 15 मार्च, 2001 को शहाबुद्दीन, रियाजुद्दीन, रुस्तम खान, सत्येंद्र तिवारी, गुड्डू और मनोज सिंह ने घटना को अंजाम दिया था.
दूसरा मामला विश्वनाथ चौधरी पर जानलेवा हमला से जुड़ा है. 24 जून, 2009 को मुफस्सिल थाने के गोपालापुर चौक पर आजाद मेडिकल हॉल के सामने विश्वनाथ चौधरी बैठे थे कि शहाबुद्दीन ने अपने समर्थकों के साथ जान मारने की नीयत से पिस्टल से हमला किया था. इसमें गोली लगने से विश्वनाथ चौधरी अधमरा हो गये थे. यह मामला भी साक्ष्य के लिए चल रहा है.
एक अन्य मामला एक क्रिमनल अपील का था. बाकी चार मामले प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार मिश्रा की अदालत में सुनवाई की जानी थी. श्री मिश्रा के स्थानांतरण हो जाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शहाबुद्दीन की पेशी करायी गयी. न्यायालय में अभियोजन से सहायक अभियोजक रघुवर सिंह, रामराज सिंह, बचाव पक्ष से मो मोबीन, उतीम मियां, कलीम मियां आदि थे.