सचिव पद के चुनाव पर रोक
महाराजगंज : अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के चुनाव विभिन्न पदों के लिए करायी गयी. जिसके मुख्य निर्वाची पदाधिकारी अधिवक्ता कृष्ण कांत सिंह थे. अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के चुनाव में मुंशी सिंह अधिवक्ता निर्विरोध अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए. सचिव पद के लिए अधिवक्ता दिनेश प्रसाद सिंह, करुणा कांत सिंह, मुकेश सिंह ने नामांकन किया था. […]
महाराजगंज : अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के चुनाव विभिन्न पदों के लिए करायी गयी. जिसके मुख्य निर्वाची पदाधिकारी अधिवक्ता कृष्ण कांत सिंह थे. अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के चुनाव में मुंशी सिंह अधिवक्ता निर्विरोध अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए. सचिव पद के लिए अधिवक्ता दिनेश प्रसाद सिंह, करुणा कांत सिंह, मुकेश सिंह ने नामांकन किया था. 57 वोटरों में 40 के ऊपर अधिवक्ता वोटर मतदान भी कर चुके थे.
लेकिन मतदान की गोपनीयता भंग होने को ले विवाद उत्पन्न हो गया, जिससे मुख्य चुनाव पदाधिकारी वरीय अधिवक्ता ने सचिव पद का चुनाव ही स्थगित कर मतपत्र को नष्ट करा दिया. चुनाव पदाधिकारी अधिवक्ता केके सिंह ने बताया सचिव पद के चुनाव के लिए सभी अधिवक्ता एक राय बना कर एक तिथि निर्धारित करेंगे.
सह सचिव पद के लिए अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह, अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह, संयुक्त सचिव पद के लिए अधिवक्ता पीपी रंजन, अधिवक्ता मनोज कुमार, अंकेक्षक पद के लिए अधिवक्ता नीरज कुमार, लिपिक संघ में अध्यक्ष पद के लिए शिवजी लाल, सचिव पद के लिए कशल कुमार निर्विरोध निर्वाचित हुए.
संघ के कोषाध्यक्ष भरत भूषण भास्कर, कार्यकारिणी सदस्यों में अखिलेंद्र कुमार, रेशमी कुमारी, राकेश कुमार, संजय कुमार उपाध्याय, गजेंद्र कुमार, रविकांत उपाध्याय, चितरंजन सिंह शामिल हैं. कांउसिल के कार्यालय सचिव श्रीमतो सेन द्वारा बिहार राज्य कांउसिल को पत्र जारी करते हुए लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए राज्य के सभी जिला संघों की चुनाव पर तत्काल रोक लगायी है.
बार काउंसिल के इस फरमान के बाद जिला अधिवक्ता संघ के तीस पद में से निर्विरोध चयन को छोड़ 27 पदों के लिए आगामी दस अप्रैल को होनेवाली आम चुनाव पर तत्काल रोक लगा दी गयी है. संघ चुनाव के लिए नियुक्त चुनाव अधिकारी अब्दूल अली, रामाकर मिश्रा, मुनेश्वर यादव ने जारी निर्देश के बाद कांउसिल के अगले आदेश तक संघ के सभी पदों पर होनेवाले चुनाव को स्थगित कर दिया है.
उधर इस चुनाव में बतौर प्रत्याशी भाग ले रहे अध्यक्ष पद के दावेदार महानंद यादव ने काउंसिल के जारी निर्देश को तुगलकी फरमान करार दिया है. कहा कि जिला संघों के प्रत्याशियों से बगैर मंतव्य लिए एकतरफा निर्णय लिया जाना पूरी तरह असंवैधानिक है. सचिव पद के दावेदार बाबूल खान, रुपेश कुमार ने भी एकपक्षीय कदम की आलोचना किया.