भवन निर्माण मामले में डीइओ व डीपीओ पर दर्ज होगी प्राथमिकी

सीवान : सिसवन प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय भरवलिया में भवन निर्माण की राशि गबन मामले में चल रहे सुनवाई ने नया मोड़ ले लिया है. संबंधित एचएम के खिलाफ यदि एक सप्ताह के अंदर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी जाती है तो मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2019 1:26 AM

सीवान : सिसवन प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय भरवलिया में भवन निर्माण की राशि गबन मामले में चल रहे सुनवाई ने नया मोड़ ले लिया है. संबंधित एचएम के खिलाफ यदि एक सप्ताह के अंदर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी जाती है तो मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा सकती है. सुनवाई लोक शिकायत निवारण में चल रहा है.

बताते चले कि वित्तीय वर्ष 2011-12 उक्त विद्यालय में तीन अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण के लिए 12 लाख 19 हजार रुपये आकलन के विरुद्ध दस लाख 74 हजार रुपये दो किस्तों में निर्गत किया गया था. इसके बाद भी एचएम नीलू कुमारी ने आज तक को पूर्ण नहीं कराया.
मामले में सर्व शिक्षा अभियान के तहत 31 जुलाई 2018 को एचएम ये स्पष्टीकरण पूछा गया था. जिसका जवाब एचएम ने नहीं दिया. जिसके बाद तत्कालीन डीपीओ समर बहादुर सिंह ने पांच दिसंबर 2018 को एचएम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया था.
इधर डीपीओ द्वारा निर्देश के बावजूद आजतक एचएम के खिलाफ बीइओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी जा सकी है. इधर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से नौ अप्रैल को किया था. जिसकी सुनवाई अलग-अलग दिन हुई.
लोक शिकायत द्वारा मामले में विभाग से जवाब तलब करने के दौरान डीपीओ एसएसए दिलीप कुमार सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि 27 जुलाई को दुबारा मामले में शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश बीइओ को दिया गया है.
इधर लोक शिकायत निवारण कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार यदि एक सप्ताह के अंदर संबंधित एचएम पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी जाती हैं तो, जिला शिक्षा पदाधिकारी व डीपीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन कुमार राय ने बताया कि अगर एक सप्ताह में प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो डीइओ व डीपीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जिला पदाधिकारी से अनुशंसा की जायेगी.

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