अनदेखी : शहर में लगीं स्ट्रीट लाइटें खराब, सड़कों पर अंधेराq
सीवान : जिस शहर को सुंदर बनाने व रात में रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी थी, वहीं अब लोगों को चिढ़ा रही है. हालात यह कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सीवान शहर अंधेरे में डूबा रहता है. इसका असर सुरक्षा पर भी पड़ रहा है. रात में अंधेरे का फायदा […]
सीवान : जिस शहर को सुंदर बनाने व रात में रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी थी, वहीं अब लोगों को चिढ़ा रही है. हालात यह कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सीवान शहर अंधेरे में डूबा रहता है. इसका असर सुरक्षा पर भी पड़ रहा है. रात में अंधेरे का फायदा उठाकर उचक्के राहगीरों को अपना शिकार बना रहे हैं. अब इन स्ट्रीट लाइटों की खूबसूरती सिर्फ दिनों तक ही सीमित होकर रह गया है.
सरकार के लाख प्रयास के बाद भी विकास की गति धरातल पर नहीं दिखाई दे रही है. साथ ही शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद होने से शहरवासियों, राहगीरों व आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि इन लाइटों को लगाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए होंगे. शहर के मुख्य सड़क पटेल चौक से लेकर अस्पताल मोड़ तक लगा स्ट्रीट लाइट और हाइ मास्क सभी बंद पड़ा हैं.
जो कि नप द्वारा लगवाया गया था. लेकिन धीरे-धीरे ये स्ट्रीट लाइटें एक-एक करके खराब होती गयी और आज नौबत यह है कि शहर में एक भी स्ट्रीट लाइट सही से अपनी रोशनी नहीं बिखेर रहा है. शहर में लगे कुल 34 हाइमास्क लाइट जिसमें सभी खराब हैं. शहरवासी का कहना हैं कि आम दिन तो जलना दूर, दशहरा, रामनवमी,छठ, ईद, बकरीद जैसे त्योहारों में भी लाइटें नहीं जलती. अधिकारी ध्यान देते तो चंद दिनों में इन्हें जलाया जा सकता है.
सड़कों पर रोज जिला प्रशासन से लेकर नप के इओ और सभापति की गाड़िया दौड़ती रहती है, पर उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद उन्हें दिखाई नहीं देता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नप के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा स्ट्रीट लाइटिंग के लिए अलग से आउटसोर्सिंग कर दिया गया है. यह अब विभाग का मामला नहीं है. इसे इइएसएल एजेंसी के माध्यम से लगाया जा रहा हैं. वहीं उन्होंने बताया कि इसके मेंटेनेंस का जिम्मा इसी कंपनी को है. स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य लगभग वार्डों में हो चुका है. बाकी वार्डों में कार्य चल रहा है.
अजीत कुमार, इओ