दुष्कर्म मामले की जांच करने दत्तक ग्रहण संस्थान पहुंची पुलिस
सीवान : शहर के महदेवा स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में सात साल की बच्ची से करीब तीन साल पहले हुए दुष्कर्म मामले की जांच करने एसडीपीओ जितेंद्र पांडे पुलिस बल के साथ सोमवार को दोपहर बाद पहुंचे. पुलिस को आते देख आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि काफी […]
सीवान : शहर के महदेवा स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में सात साल की बच्ची से करीब तीन साल पहले हुए दुष्कर्म मामले की जांच करने एसडीपीओ जितेंद्र पांडे पुलिस बल के साथ सोमवार को दोपहर बाद पहुंचे. पुलिस को आते देख आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि काफी संख्या में पुलिस ने दत्तक ग्रहण संस्थान के चारों तरफ से घेर लिया था. उसके बाद पुलिस पदाधिकारी अंदर प्रवेश किये. थोड़ी देर बाद सभी पुलिस पदाधिकारी वापस लौट गये.
आसपास के लोगों ने बताया कि शायद दत्तक ग्रहण संस्थान में पुलिस के आने के समय कोई मौजूद नहीं था, इसीलिए पुलिस जल्दी ही लौट गयी. एसडीपीओ के साथ जिला बाल सरंक्षण इकाई के पदाधिकारी एवं महिला थाने की पुलिस भी थी. एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय ने बताया कि एक घटना की जांच मामले में विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान पुलिस गयी थी.
एडीजे वन के आदेश पर पीड़िता का 164 के तहत बयान कोर्ट में दर्ज
महिला थाना कांड संख्या 96/19 की अनुसंधान कर्ता ने एडीजे वन मनोज तिवारी के समक्ष पीड़िता को प्रस्तुत किया. जहां कोर्ट के आदेश पर द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी पूजा आर्या ने 8 वर्षीय पीड़िता का बयान कलम जद किया. पीड़िता ने अपने बयान में घटना का समर्थन किया है. आरोपितों पर गंदा काम करने का आरोप लगायी है. कोर्ट के समक्ष अपने बयान में दर्द होने का उल्लेख करायी है.
बताते चले कि यह प्राथमिकी सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई सीवान अनिमेश कुमार चंद्रा के आवेदन पर महिला थाना में दर्ज किया गया है. आवेदन में श्री चंद्रा ने कहा है कि पीड़िता विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के आवास में रह रही थी. पुलिस ने उसे जगदीशपुर मैदान से बरामद किया था.
जिला पदाधिकारी के आदेशानुसार गठित टीम पत्रांक संख्या 2587/सी दिनांक आठ नवंबर 2019 के निर्देश पर यह प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इस जांच टीम में अनुमंडल पदाधिकारी सदर के समक्ष मेडिकल जांच किया गया है. अनुमंडल पदाधिकारी सदर के ज्ञापांक 1683/दिनांक 7 नवंबर 2019 की जांच प्रतिवेदन भी सूचक को उपलब्ध कराया गया है.