सीवान : होमगार्ड के रूप में कार्यरत ज्योति कुमारी की छुट्टी के दौरान मौत होने पर उसके पिता द्वारा दायर लोक शिकायत वाद की सुनवाई और जांचोपरांत यह पाया गया है कि समादेष्टा बिहार गृह रक्षा वाहिनी सीवान के कार्यालय में उसके रिकॉर्ड और हाजिरी के साथ छेड़छाड़ की गयी और उसके अधिकार को समाप्त करने के लिए असंवैधानिक कार्य तीन कर्मियों द्वारा किया गया.
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महिला होमगार्ड जवान की मौत मामले में रिकॉर्ड और हाजिरी से हुई छेड़छाड़
सीवान : होमगार्ड के रूप में कार्यरत ज्योति कुमारी की छुट्टी के दौरान मौत होने पर उसके पिता द्वारा दायर लोक शिकायत वाद की सुनवाई और जांचोपरांत यह पाया गया है कि समादेष्टा बिहार गृह रक्षा वाहिनी सीवान के कार्यालय में उसके रिकॉर्ड और हाजिरी के साथ छेड़छाड़ की गयी और उसके अधिकार को समाप्त […]
अंतिम सुनवाई के बाद लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी विपिन राय ने भ्रामक जानकारी उपलब्ध कराने, सरकारी कागजात में छेड़छाड़ करने का दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पटना प्रतिवेदन भेजा है. सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने वाले कर्मियों में रामरंजन बिहारी शरण, दिनेश सिंह व नरेंद्र दूबे है, जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा गया है.
यह हुआ फैसला
मामले की गंभीरता के देखते हुए लेखा अभिलखों के संरक्षक रामरंजन बिहारी शरण से इस संबंध में पूछताछ की गयी तो पता चला कि नरेंद्र दूबे जो पुलिस केंद्र सीवान में होमगार्ड मुंशी हैं उनके द्वारा ही उक्त उपस्थिति भुगतान होने के उपरांत ज्योति कुमारी की हाजिरी तिथि में सुधार किया गया है. सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ मामले में नरेंद्र दूबे से पूछताछ में उसने कार्यालय में उपस्थित होकर इस छेड़छाड़ की बात को स्वीकार किया.
इन तीनों गृह रक्षकों के सरकारी अभिलेख में छेड़छाड़ करने तथा वरीय पदाधिकारी को अंधेरे में रखकर इनके द्वारा किये गये संदेहात्मक कार्य के मद्देनजर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने रामरंजन बिहारी शरण, दिनेश सिंह एवं नरेंद्र दूबे को अगले आदेश तक के लिए सभी प्रकार के कर्तव्यों से वंचित कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. इस संबंध में तीनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन शीघ्र भेजा जायेगा.
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 2017 से होमगार्ड के रूप में कार्यरत ज्योति कुमारी (सिपाही संख्या 211629) को कमान संख्या 275677 के तहत दरौंदा थाना में विधि व्यवस्था की ड्यूटी में लगाया गया था. 15 जुलाई को उसकी मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गयी. उसने दरौंदा थानाध्यक्ष को मातृत्व अवकाश का आवेदन भी दिया था.
उसकी मौत के बाद उसके पिता चंदन साह ने डीजीपी समेत आयुक्त सारण, डीएम सीवान, एसपी सीवान को आवेदन लिखकर अपनी पुत्री के पुत्र को अनुग्रह अनुदान दिलाने के लिए आग्रह किया था. उनके इस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर वह लोक शिकायत निवारण सीवान में अपना वाद दायर किया.
इस संबंध में लोक शिकायत विभाग के परिवाद संख्या 418110101101903273 है जिसके तहत उसके अभिलेखों की जांच की गयी. जांच के क्रम में शिकायत निवारण आयोग ने पाया कि जिला समादेष्टा बिहार गृह रक्षा वाहिनी सीवान के कार्यालय में इसी मामले में दो प्रपत्र जारी किये गये.
एक में मृतक ज्योति कुमारी के कर्तव्य भत्ता भुगतान की जानकारी नहीं दी गयी, जबकि दूसरे प्रपत्र में शुद्धि पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि मृतका ज्योति कुमारी की 27 जून तक उपस्थिति विवरणी उपलब्ध है और उन्हें एक जून से 27 जून तक के 27 दिनों का कर्तव्य भत्ता का भुगतान उनके बैंक खाते के माध्यम से किया गया है. यहीं नहीं जब उपस्थिति विवरणी की जांच की गयी, तो उसमें ज्योति कुमारी का नाम 523 नंबर पर अंकित था उसकी उपस्थिति को व्हाइटनर का प्रयोग करके एक जून 19 से 15 जून 19 तक बनाया गया है.
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