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लालटेन युग में रह रहे लोग

* तरवारा थाना क्षेत्र के भलुआड़ व भगवानपुर के लोग अंधेरे में जीने को विवश।। परवेज अख्तर ।। तरवारा : सुशासन की सरकार में जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है. सड़कें चकाचक, चिकित्सा व बिजली व्यवस्था के लिए उत्तम प्रबंध किये जा रहे हैं. शिक्षा को तो बतौर बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:55 PM

* तरवारा थाना क्षेत्र के भलुआड़ व भगवानपुर के लोग अंधेरे में जीने को विवश
।। परवेज अख्तर ।।
तरवारा : सुशासन की सरकार में जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है. सड़कें चकाचक, चिकित्सा व बिजली व्यवस्था के लिए उत्तम प्रबंध किये जा रहे हैं. शिक्षा को तो बतौर बिहार का मॉडल ही बनाया जा रहा है. मगर जो दिखाया जाता है वो धरातल पर दिखता नहीं है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण तरवारा थाना क्षेत्र सह बड़हरिया प्रखंड की भलुआड़ पंचायत का भगवानपुर व भलुआड़ गांव है, जहां के लोगों को आजादी के बाद से बिजली मय्यसर नहीं हुई है. वर्तमान में भी दोनों गांव के लोग लालटेन युग में जीने को विवश हैं.

बता दें कि जीवी नगर थाने के भलुआड़ पंचायत के भगवानपुर व भलुआड़ गांव में आजादी के बाद से बिजली नहीं पहुंची. ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद वर्ष 1983 में विद्युत विभाग ने गांव में पोल व ट्रांसफॉर्मर लगा दिये. यह देख ग्रामीणों को काफी खुशी हुई थी, लेकिन लोगों को बिजली नहीं नसीब हुई. भगवानपुर गांव निवासी सह बड़हरिया प्रखंड के पूर्व प्रमुख कृष्ण सिंह ने भी अपने कार्यकाल में गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल करने की मांग की थी, लेकिन गांव में बिजली लाने का उनका सपना सपना बन कर ही रह गया.

वहीं उनका निधन भी हो गया, लेकिन विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. दिलचस्प बात तो यह कि इस गांव में विद्युत गृह विभाग में साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत पंकज कुमार सिंह भी रहते हैं. वह भी गांव की इस ज्वलंत समस्या को दूर करने के लिए काफी दिनों से प्रयासरत है, लेकिन उनका भी प्रयास सार्थक साबित नहीं हो रहा है. गांव में लगा ट्रांसफॉर्मर खराब हो चुका है, तार जजर्र होकर गिर रहे है.

यही नहीं गांव में लगे खंभों में ग्रामीण अपने-अपने मवेशियों को बांधते है. वहीं बिजली सप्लाइ नहीं होने के चलते छात्र-छात्राओं को पढ़ने में काफी परेशानी हो रही है. गांव के रामाकांत सिंह, श्रीकांत सिंह, भरत सिंह, योगेंद्र सिंह, आनंदी सिंह, बिजल सिंह आदि का कहना है कि जब भी चुनाव आता है तो जनप्रतिनिधि गांव आकर ग्रामीणों से कई वादे करते है, और चुनाव बीतने के बाद उनके सारे वादे धरे- के-धरे रह जाते हैं.

गांव में बिजली की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री, जिला पदाधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सैकड़ों बार आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन उनके द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

* भुलआड़ व भगवानपुर गांव में बिजली की समस्या सरकार के विकास का झूठे दावे को दरसाती है. ग्रामीण आंदोलन के मूड में हैं, मैं उनका समर्थन करता हूं. जरूरत पड़ी, तो खुद मैं उनके आंदोलन की अगुआई करूंगा. क्योंकि बार-बार के आश्वासन से हम लोग आजिज आ चुके हैं.
मो शहाबुद्दीन अंसारी, सरपंच

* यह विद्युत विभाग का मामला है. मुङो इस समस्या की जानकारी नहीं है. लेकिन जानकारी होने पर मैं अपने स्तर से पहल करूंगी. समय निकाल कर भलुआड़ व भगवानपुर गांव का भ्रमण कर लोगों से उनकी समस्याओं की जानकारी लूंगी.
रीता कुमारी, बीडीओ

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