24 घंटे में 70 एमएम हुई बारिश

सीवान. सावन-भादो की सुखाड़ की भरपायी आश्विन माह की झमाझम बारिश ने पूरी कर दी है. गुरुवार की दोपहर में रुक- रुककर हो रही रिमझिम बारिश शाम होते ही अपने रंगत में आ गई. देर रात तक झमाझम बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली. बारिश से शहर की अधिकतर सड़कों पर जल जमाव हो गया. धान की खेतों में पानी लगने से किसानों के चेहरे खिल उठे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2024 9:02 PM

सीवान. सावन-भादो की सुखाड़ की भरपायी आश्विन माह की झमाझम बारिश ने पूरी कर दी है. गुरुवार की दोपहर में रुक- रुककर हो रही रिमझिम बारिश शाम होते ही अपने रंगत में आ गई. देर रात तक झमाझम बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली. बारिश से शहर की अधिकतर सड़कों पर जल जमाव हो गया. धान की खेतों में पानी लगने से किसानों के चेहरे खिल उठे. 24 घंटे से जारी बारिश के कारण जहां दिन के तापमान में गिरावट दर्ज किया गया, वहीं बारिश के कारण मौसम सुहाना हो गया है. तापमान लुढ़क कर 26 डिग्री पर पहुंच गया. जबकि रात का तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया. जिला कृषि कार्यालय के आकड़े के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 69.40 एमएम बारिश हुई. उत्तरा नक्षत्र जाते जाते मौसम को बना सुहाना 26 सितंबर की दोपहर से हल्की हवा और बूंदाबांदी शुरू हुई, जो रात्रि में रिमझिम बारिश के रूप में तब्दील हो गई. मौसम विभाग की साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार इस नक्षत्र की अंतिम बारिश ने अधिकतम तापमान में 4.5 से 6.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की कमी लाई है. इस वजह से मौसम खुशगवार हो गया है. किसानों का कहना है कि यह लाभप्रद एवं बेहतरीन बारिश है. अब किसानों की नजरें हथिया नक्षत्र पर टिकी है.हालांकि अब धान की उपज को उतरा नक्षत्र की बारिश से पूरी संजीवनी मिल चुकी है. राजेंद्र पथ पर जल जमाव से परेशानी- बारिश से राजेंद्र पथ के लोग काफी परेशान हैं. लोगों का कहना हैं कि बीते छह महीने से नाला निर्माण का काम कराया जा रहा है और पानी को रोक दिया गया हैं. ऊपर से बरसात भी शुरू है. जिससे जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. धान की फसल सूख रही थी किसान मूरत गोंड ने कहा कि धान की फसल सूखने लगी थी. महंगे डीजल खरीद कर सिंचाई कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब काफी राहत मिल गई है. उन्होंने कहा कि अब उम्मीद दिख रही है कि फसल बच जाएगी. किसान राम करन ने कहा कि सीजन में काफी कम बारिश होने के कारण धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, फिर भी यह बारिश फसल को बचाने में काफी मददगार साबित होगी. एक नजर बारिश के आकड़ों पर- प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे अधिक रघुनाथपुर प्रखंड में 130.4 एमएम बारिश हुई है. जबकि सबसे कम भगवानपुर प्रखंड में 44.8 एमएम बारिश हुई. वही अन्य प्रखंड की बात करें तो आंदर में 61.5 एमएम, बड़हरिया में 55.8, बसंतपुर में 46.8, दरौली में 121.8, गोरेयाकोठी में 67.4, दरौंदा में 57.2, गुठनी में 60.6, हसनपुरा में 69.5, हुसैनगंज में 48.2, लकड़ी नबीगंज में 66.4, महाराजगंज में 59.8, मैरवा में 107.4, नौतन में 75.4, पचरुखी में 46.7, सिसवन में 86.0, सीवान सदर में 65.4 व जीरादेई में 85.4 एमएम बारिश हुई.

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