विशेष सचिव ने 71.50 लाख गबन मामले में मांगी रिपोर्ट

मौजूदा आदेश के दो दिन पूर्व विभागीय सचिव ने दिया था कार्रवाई का आदेशहंसुआ ग्राम पंचायत में गबन के मामले में मुखिया समेत उच्चाधिकारियों पर दर्ज है प्राथमिकीसीवान. नौतन प्रखंड की हंसुआ ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन डकारने का मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. इस मामले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 8:02 PM

मौजूदा आदेश के दो दिन पूर्व विभागीय सचिव ने दिया था कार्रवाई का आदेशहंसुआ ग्राम पंचायत में गबन के मामले में मुखिया समेत उच्चाधिकारियों पर दर्ज है प्राथमिकीसीवान. नौतन प्रखंड की हंसुआ ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन डकारने का मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. इस मामले में 71.50 लाख रुपये की अनियमितता के प्रकरण में जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अचानक उस समय नया मोड़ आ गया, जब ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एमएस राजू ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए नये सिरे से जांच कराने का फरमान जारी कर दिया.इस आदेश के दो दिन बाद ही एक बार फिर विभागीय सचिव के आदेश को पलटते हुए विशेष सचिव ने कार्रवाई जारी रखते हुए अब तक की प्रगति की रिपोर्ट मांगी है.ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव प्रमोद कुमार बिहारी ने 26 दिसंबर को अपने पत्रांक संख्या 213933 के तहत जिला पदाधिकारी को जारी आदेश मंे कहा है कि मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के मद की धनराशि डकार लेने के मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए वसूली का आदेश दिया गया था. जिसमें मुकदमा दर्ज होने के बाद अब तक क्या कार्रवाई की गई है,इसकी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर दी जाये. पत्र में कहा गया है कि दोषी पदाधिकारी,कर्मचारी तथा जनप्रतिनिधि के विरुद्ध अब तक विभागीय स्तर पर क्या कार्रवाई की गयी है. इससे संबंधित प्रतिवेदन भी विभाग को उपलब्ध कराया जाये. उधर, इसके विपरीत दो दिन पूर्व ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एसएम राजू ने 24 दिसंबर को अपने पत्रांक संख्या 213872 के तहत कार्रवाई पर रोक लगाते हुए नये सिरे से जांच का आदेश दिया है. अब एक ही विभाग के दो अधिकारियों के परस्पर विरोधी निर्देश से मामला उलझता जा रहा है.

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