संवरने के बजाय उजड़ता जा रहा है विद्यालय

सीवान: उच्च विद्यालय बसंतपुर का बड़ा कैंपस देख कर लगता है कि इसकी बुनियाद काफी बेहतरीन सोंच के साथ रखी गयी थी, लेकिन गुजरते वक्त के साथ यहां संसाधनों का विकास न होने से विद्यालय संवरने के बजाय उजड़ता चला गया. छात्रों के नामांकन के लिहाज से प्रखंड के सबसे बड़े विद्यालयों मंे से एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 7:03 PM

सीवान: उच्च विद्यालय बसंतपुर का बड़ा कैंपस देख कर लगता है कि इसकी बुनियाद काफी बेहतरीन सोंच के साथ रखी गयी थी, लेकिन गुजरते वक्त के साथ यहां संसाधनों का विकास न होने से विद्यालय संवरने के बजाय उजड़ता चला गया. छात्रों के नामांकन के लिहाज से प्रखंड के सबसे बड़े विद्यालयों मंे से एक है,पर शिक्षकों की कमी के कारण विशाल भवन छात्रों के लिए बेमतलब साबित हो रहा है, जिसका असर यहां के माहौल पर भी दिखता है.

कैंपस में प्रवेश करते ही दिखता है कि कार्यालय में तीन शिक्षक बैठ कर गपशप में मशगूल हैं, जबकि बड़ी संख्या में छात्र बाहर खेल रहे थे. छात्रों के नामांकन के अनुपात मंे कम उपस्थिति देख सहसा आश्चर्य हुआ.पूछने पर छात्रों ने ही बताया कि दो शिफ्ट में कक्षाएं चलती हैं. पहली शिफ्ट मंे छात्राएं तथा दूसरी शिफ्ट में छात्र क्लास करते हैं.

विज्ञान प्रयोगशाला के नाम पर प्रत्येक वर्ष बड़ी रकम खर्च होती है,पर हकीकत यह है कि प्रैक्टिकल कक्षाएं नहीं चलती हैं. पुस्तकालय का भी अधिकतर छात्रों को लाभ नहीं मिलता है. वर्जन भवन के अभाव में दो शिफ्ट मंे कक्षाएं चलायी जाती हैं. छात्रों की संख्या के सापेक्ष मंे शिक्षक बहुत ही कम है, जिसके चलते कक्षाएं बाधित होती हैं. चंद्रभान तिवारी, प्रधानाध्यापक, उच्च विद्यालय बसंतपुर.

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