तेजाब हत्याकांड : कॉल डिटेल उपलब्ध कराने की बीएसएनएल को मिली मोहलत
तेजाब हत्याकांड : पांचवें दिन भी कॉल डिटेल्स उपलब्ध नहीं करा पाया सीवान : गुरुवार को मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के विरुद्ध तेजाब कांड में चश्मदीद गवाह रहे राजीव रोशन के कॉल डिटेल्स बीएसएनएल के अधिकारी ने पांचवें दिन भी कोर्ट में दाखिल नहीं किया. कोर्ट […]
तेजाब हत्याकांड : पांचवें दिन भी कॉल डिटेल्स उपलब्ध नहीं करा पाया
सीवान : गुरुवार को मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के विरुद्ध तेजाब कांड में चश्मदीद गवाह रहे राजीव रोशन के कॉल डिटेल्स बीएसएनएल के अधिकारी ने पांचवें दिन भी कोर्ट में दाखिल नहीं किया.
कोर्ट ने आगामी 30 जनवरी तक बीएसएनएल को कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराने की मोहलत दे दी है. तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन के मोबाइल पर किसका कॉल आया है, यह जानने के लिए अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत में 08 जनवरी को आवेदन दिया था.
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि 2004 में राजीव रोशन के दो भाइयों का अपहरण अलग-अलग दुकानों से कर हत्या कर शव को गायब कर दिया गया था. उस दौरान राजीव रोशन के मोबाइल पर मो शहाबुद्दीन ने फोन कर दो लाख रुपये की रंगदारी की मांग की थी. इसे साबित करने के लिए राजीव रोशन ने अपनी गवाही में अपना मोबाइल नंबर दिया था.
चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की भी हत्या 16 जून, 2014 को हो गयी थी. मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के तरफ से विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह व अपर अभियोजक रघुवर सिंह ने जेल के अंदर से मो. शहाबुद्दीन के पास से बरामद मोबाइल से संबंधित मुफस्सिल थाने में कांड संख्या 226/2013,सी(टू)67/2008 व सी(टू)62/2007 की सत्यापित प्रति एक आवेदन के साथ दाखिल किया. साथ ही अभियोजन पक्ष ने तीनों मुकदमों के मूल अभिलेख मांगने का न्यायालय से अनुरोध किया.
इस पर विशेष सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने मूल अभिलेख तलब करने का आदेश पारित किया.जिला प्रशासन छापेमारी के दौरान जेल से मो शहाबुद्दीन के पास से बरामद मोबाइल के मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
दूसरी तरफ, बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने नौ जनवरी को आवेदन दाखिल कर कांड के चार अनुसंधानकर्ताओं सब इंस्पेक्टर धर्मदेव राम,अरुण रजक, अमरकांत झा व बीके शाही से पुन:जिरह करने के लिए न्यायालय से अपील की थी. इस पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा है.
– 30 जनवरी तक का दिया गया समय
– पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के पास से बरामद मोबाइल के मामले का अभियोजन पक्ष ने मांगा अभिलेख
– हत्याकांड के चार आइओ के पुन: जिरह के मामले में आदेश सुरक्षित