चीनी मिल के चिमनी तोड़ने पर हंगामा

फोटो. 05 चीनी मिल तोड़ने को लेकर हंगामा करते लोगमहाराजगंज. महाराजगंज शहर अतीत से ही औद्योगिक केंद्र रहा है. अंगरेजों के जमाने में चीनी उद्योग चालू था. स्थानीय प्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही से महाराजगंज का चीनी मिल आजादी के बाद बंद हो गया. बकाया सरकारी टैक्स को लेकर चीनी मिल को सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 7:02 PM

फोटो. 05 चीनी मिल तोड़ने को लेकर हंगामा करते लोगमहाराजगंज. महाराजगंज शहर अतीत से ही औद्योगिक केंद्र रहा है. अंगरेजों के जमाने में चीनी उद्योग चालू था. स्थानीय प्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही से महाराजगंज का चीनी मिल आजादी के बाद बंद हो गया. बकाया सरकारी टैक्स को लेकर चीनी मिल को सरकार द्वारा नीलाम कर देने की बात लोगों द्वारा बतायी जा रही है. सीवान के किसी व्यक्ति द्वारा जमीन पर दावा कर मिल का चिमनी तोड़वाया जा रहा था. जिसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा हंगामा किया गया. लोगों का आक्र ोश देख कर चिमनी तोड़ने वाने लेबर भाग निकले. क्या कहते हैं सीओचीनी मिल के जमीन के संबंध में महाराजगंज के सीओ संतोष कुमार श्रीवास्तव का कहना था कि 1969 से जमीन की जमाबंदी नं 123 रकबा तीन बिगहा 18 कट्ठा 12 धूर मुजफ्फरपुर अहमद लारी के नाम से चलता है. जिसका खाता 070, 099 व सर्वे नं 49,50,51,52,53,है. सन् 1969 के पूर्व जमीन का लेखा जोखा अंचल कार्यालय में नहीं है. सीओ ने बताया कि कुछ लोग जमीन संबंधी जानकारी लेने आये थे. मैं किसी काम में व्यस्त था बात नहीं हो पायी.

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