34 डिफॉल्टर पैक्स की होगी जांच
अतिरिक्त व्यवसाय के नाम पर सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से पैक्स को दिये गये ऋण की राशि में झोल अब सामने आने लगा है. तमाम सख्ती के बाद भी 34 डिफॉल्टर पैक्स 3.79 करोड़ रुपये बैंक को वापस नहीं कर रहे है.अब को-ऑपरेटिव बैंक व सहकारिता विभाग कार्रवाई के मूड में आ गया है.
सीवान: अतिरिक्त व्यवसाय के नाम पर सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से पैक्स को दिये गये ऋण की राशि में झोल अब सामने आने लगा है. तमाम सख्ती के बाद भी 34 डिफॉल्टर पैक्स 3.79 करोड़ रुपये बैंक को वापस नहीं कर रहे है.अब को-ऑपरेटिव बैंक व सहकारिता विभाग कार्रवाई के मूड में आ गया है. डिफॉल्टर 34 पैक्स का प्राथमिकता के आधार पर ऑडिट कराने को ले जिला सहकारिता पदाधिकारी सुमन कुमार सिंह ने सहयोग समितियां सीवान के जिला अंकेक्षण पदाधिकारी को पत्र लिखा है. जल्द ही अंकेक्षण कार्यालय द्वारा ऐसे समितियां के लेखा-जोखा की जांच की जायेगी ताकि मालूम किया जा सकें कि अतिरिक्त व्यवसाय के नाम पर लिये गये ऋण की राशि कहां खर्च किये गये है. अगर पैक्स ऑडिट नहीं कराते है तो वैसे अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्यों पर भारी भी पड़ेगा. जिला अंकेक्षण कार्यालय के रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई जिला सहकारिता कार्यालय व को-ऑपरेटिव बैंक के तरफ से होगी. राशि नहीं लौटाने वालों पर बैंक करेगा रजिस्टार कोर्ट में आवार्ड दायर सीवान सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक भी ऐसे पैक्स के ऊपर आवार्ड दायर करने को लेकर रणनीति तैयार की है. जल्द ही राशि नहीं लौटाने वालों पर रजिस्टार कोर्ट में आवार्ड दायर कर दी जायेगी. बताया जाता है कि को-ऑपरेटिव बैंक के तरफ से वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त व्यवसाय के नाम पर 140 पैक्स को 15 करोड़ 7 लाख 20 हजार रूपये की ऋण की राशि दी गयी थी. राशि लेने के बाद पैक्स की आय बढ़ाने पर खर्च करना था. राशि लेने के बाद अधिकांश पैक्स ने व्यवसाय कर राशि भी बैंक को वापस कर दी. लेकिन बार-बार दबाव बनाने पर भी 34 पैक्स राशि नहीं लौटा सकी. 106 पैक्स ने ही 11 करोड़ 28 लाख 7 हजार रुपये बैंक को लौटा दिया है. समय मिलने पर भी नहीं लौटायी राशि ऋण की राशि को-ऑपरेटिव बैंक से लेने के बाद नहीं लौटाने वाले 34 पैक्स पर अब कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रहा है. ऐसे समितियों को कई बार राशि लौटाने का समय भी बैंक के तरफ से मिला था लेकिन राशि वापस नहीं किये है. राशि बकाया रखने वालों में आंदर प्रखंड के सहसराव, बड़हरिया प्रखंड के बहुआरा कादिर, बालापुर, बड़हरिया, भोपतपुर, कैलगढ़ उत्तर, नवलपुर, पड़रौना खुर्द, सुंदरपुर, बसंतपुर प्रखंड के मोलनापुर, भगवानपुरहाट प्रखंड के भिखमपुर, मोहम्मदपुर ,दरौली प्रखंड के बलहू, दरौंदा प्रखंड के रमसापुर, महाराजगंज प्रखंड के जिंगरहवा, रिसौरा, सारंगपुर, गोरेयाकोठी प्रखंड के कर्णपुरा, मैरवा प्रखंड के बड़का मांझा, सेमरा, नौतन प्रखंड के अंगौता, सेमरिया, रघुनाथपुर प्रखंड के राजपुर, सिसवन प्रखंड के गंगपुर सिसवन, कचनार, हुसैनगंज प्रखंड के चांप , सीवान सदर प्रखंड के मकरियार, जीरादेई प्रखंड के मियां के भटकन, सकरा, पचरूखी प्रखंड के पिपरा, शंभोपुर, सुपौली, गुठनी प्रखंड के बिसवार और टड़वा खुर्द पैक्स शामिल है. क्या कहते हैं डीसीओ डिफॉल्टर समितियों का प्राथमिकता के आधार पर अंकेक्षण कराने को लेकर जिला अंकेक्षण पदाधिकारी को सूची भेज दी गयी है. रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. सुमन कुमार सिंह, जिला सहकारिता पदाधिकारी ,सीवान क्या कहते हैं एमडी राशि लौटाने के लिये डिफॉल्टर पैक्स को कई बार समय दिया गया लेकिन अभी तक वापस नहीं किये है. जिसके बाद डीसीओ कार्यालय को पत्र भी लिखा गया. अब बैंक के द्वारा आवार्ड दायर कराया जायेगा. सौरभ कुमार, प्रबंध निदेशक सीवान सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक सीवान
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है