आज के सामाजिक परिवेश में रामकथा प्रासंगिक
मैरवा . आज के परिवेश में जहां सभी चीजों में वृद्धि हो रही है, वही सद्चरित्र व सदाचार में कमी आ रही है, जिससे मानवता का लोप हो रहा है़ इस लिए आज रामकथा प्रासंगिक है, क्योंकि रामकथा सुनने से चरित्र निर्माण होता है़ उक्त बातें रामजानकी मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के प्रथम […]
मैरवा . आज के परिवेश में जहां सभी चीजों में वृद्धि हो रही है, वही सद्चरित्र व सदाचार में कमी आ रही है, जिससे मानवता का लोप हो रहा है़ इस लिए आज रामकथा प्रासंगिक है, क्योंकि रामकथा सुनने से चरित्र निर्माण होता है़ उक्त बातें रामजानकी मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के प्रथम दिन अयोध्या से आये डॉ स्वामी श्रीधर आचार्य ने कहीं. उन्होने कहा कि सभी धर्मों में चरित्र निर्माण, निर्बलों की सहायता, दीन-दुखियों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है. रामचरित मानस सुनने से पारिवारिक रिश्तों में प्रगाढ़ता आती है़ सामाजिकता का बोध होता है़