सिविल सजर्न ने 42 डॉक्टरों व कर्मचारियों की काटी हाजिरी
सीवान : मंगलवार को सिविल सजर्न डॉ. अनिल कुमार चौधरी ने दफ्तर पहुंचते ही सदर अस्पताल के सभी विभागों को औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने 15 डॉक्टरों समेत कुल 42 स्वास्थ्यकर्मियों के एक दिन की हाजिरी काटी.सीएस द्वारा हाजिरी काटे जाने के बाद कर्मचारियों व डॉक्टरों के बीच हड़कंप मच गया. अपने ड्यूटी […]
सीवान : मंगलवार को सिविल सजर्न डॉ. अनिल कुमार चौधरी ने दफ्तर पहुंचते ही सदर अस्पताल के सभी विभागों को औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने 15 डॉक्टरों समेत कुल 42 स्वास्थ्यकर्मियों के एक दिन की हाजिरी काटी.सीएस द्वारा हाजिरी काटे जाने के बाद कर्मचारियों व डॉक्टरों के बीच हड़कंप मच गया.
अपने ड्यूटी से गायब रहनेवाले चिकित्सकों से सीएस ने कारण पृच्छा भी किया है. मालूम हो कि प्रभात खबर ने सात अप्रैल के अंक में पेज तीन पर ‘महिला डॉक्टरों की मनमानी, मतलब हुआ इनडोर रोस्टर’ शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद सीएस ने इसे संज्ञान में लेते हुए अस्पताल का निरीक्षण किया. एक दिन की हाजिरी कटनेवालों डॉक्टरों में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एमके आलम भी शामिल हैं.
मंगलवार को सीएस जब दफ्तर आये उसके बाद पूरी तरह अपने फार्म में दिखे. प्रतिदिन की अपेक्षा मंगलवार को उन्होंने अपने दफ्तर में अधिक समय दिया. अब देखना है कि सदर अस्पताल के स्वास्थ्य सेवा में कितना सुधार हो पाता है. इधर, उपाधीक्षक के हाजिरी कटने के बाद चर्चाओं का बाजार गरम है कि खुद उपाधीक्षक ही गायब हैं , तो अन्य चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को कौन पूछे.
यह हाल सदर अस्पताल का एक दिन का नहीं है. अगर सीएस प्रत्येक दिन अस्पताल का निरीक्षण करें, तो ऐसी समस्या नहीं मिलेगी. यहीं नहीं दावा काउंटर पर एक भाग प्रत्येक दिन लेट से खुलता है. सवाल यह भी उठता है कि सीएस के चेंबर में सीसी टीवी कैमरा लगा हुआ है. उस पर भी वे कार्रवाई कर सकते हैं. लेकिन क्यों नहीं कार्रवाई होता है. यह सवाल खड़ा करता है. अगर निरीक्षण हीं छोड़ दे तो सीसी टीवी कैमरे का फुटेज हीं देखा जाये तो प्रत्येक दिन ये हालात देखने को मिलेंगे.