जर्जर तार गिरने से गेहूं की फसल हो रही बरबाद
सीवान : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की सुविधा मुहैया कराने के लिए विभाग द्वारा हाइ टेंशन से लेकर लो टेंशन तक के तार का जाल बिछाया गया है. इसमें बहुत से तार अपनी आयु को पूर्ण कर चुके हैं. लिहाजा ये तार तेजी से बढ़ रही खपत के लोड को सहन करने के […]
सीवान : जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की सुविधा मुहैया कराने के लिए विभाग द्वारा हाइ टेंशन से लेकर लो टेंशन तक के तार का जाल बिछाया गया है. इसमें बहुत से तार अपनी आयु को पूर्ण कर चुके हैं. लिहाजा ये तार तेजी से बढ़ रही खपत के लोड को सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं.
इधर, विभाग की उदासीनता के कारण तार के बदलने का सिलसिला कछुए की चाल से जारी हैं. परिणाम स्वरूप ये तार लोड बढ़ने के कारण स्वत: ही टूट कर गिर रहे हैं. आज कल गेहूं की फसल पक कर तैयार हैं और जिले में ये घटनाएं आम बात होती जा रही हैं.
अब तक हो चुकी हैं कई घटनाएं
सदर प्रखंड के अघैला गांव में एक सप्ताह पूर्व बिजली का तार टूट कर गिरने से 30 बीघे में लगी गेहूं की फसल जल कर पूरी तरह से राख हो गयी. इस घटना से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.
दूसरी घटना जीरादेई प्रखंड की अकोल्ही पंचायत स्थित मैरवा थाने के पुखरंड़ा गांव में घटी, जहां 33 हजार वोल्ट का तार टूट कर गिरने से दस कट्ठे में लगी गेहूं की फसल जल गयी.
वही गत दिवस सिसवन प्रखंड के जगदीशपुर व भीखपुर में भी इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं.
विभाग नहीं देता क्षतिपूर्ति : तार टूटने से होने वाली इस प्रकार की घटनाओं की क्षति पूर्ति करने की व्यवस्था विभाग के पास नहीं है. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार ने बताया कि मानवीय क्षति होने में ही विभागीय स्तर पर क्षतिपूर्ति का प्रावधान है. श्री कुमार ने कहा कि बीआरजीएफ-2 प्रोजेक्ट के तहत जिले में जजर्र तार को बदलने का काम किया जा रहा है.
क्या कहते हैं किसान
बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा हम कि सानों को भुगतना पड़ रहा हैं. महंगाई के दौर में जैसे-तैसे पैसे की व्यवस्था कर गेहूं की फसल लगायी थी, वह भी आग की भेंट चढ़ गयी.
शिवजी तिवारी
जजर्र तार के सहारे बिजली विभाग द्वारा आपूर्ति की जा रही है, जो अगलगी की घटनाओं का कारण बन रहे हैं. विभाग की गलती का दंड किसानों को मिल रहा है.
मनन तिवारी
खेत में खड़ी फसल में आग लगने से भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उसके बावजूद भी बिजली विभाग व सरकार द्वारा सहायता उपलब्ध नहीं करायी गयी.
भुआली राम