सुरक्षा व गोपनीयता से यह कैसा खेल!

सीवान : शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को वैधानिक रूप से गोपनीय माना जाता है. ऐसे में शव की संरक्षा व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को गोपनीय रखने का आदेश है. ये सारे नियम व प्रावधान यहां के लिए बेमतलब से प्रतीत हो रहे हंै.सदर अस्पताल में अब खुले में पोस्टमार्टम कराने का इंतजाम किया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 7:23 AM
सीवान : शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को वैधानिक रूप से गोपनीय माना जाता है. ऐसे में शव की संरक्षा व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को गोपनीय रखने का आदेश है. ये सारे नियम व प्रावधान यहां के लिए बेमतलब से प्रतीत हो रहे हंै.सदर अस्पताल में अब खुले में पोस्टमार्टम कराने का इंतजाम किया गया है.
आबादी के बीच व आम रास्ते से सटे खुले में पोस्टमार्टम एक टिन के शेड में करने के निर्णय के साथ ही सवाल उठने लगा है. सदर अस्पताल कैंपस से सटे पोस्टमार्टम हाउस लंबे समय से है.भवन के जजर्र हो जाने व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को और अत्याधुनिक बनाने की मंशा से शासन ने नये भवन निर्माण की स्वीकृति दी है. मौजूदा भवन को ध्वस्त कर अब छह डिसमिल के एरिया में पोस्टमार्टम भवन बनेगा. जिस पर 53 लाख दो हजार 900 रुपये खर्च होंगे. जिसके निर्माण के लिए आठ माह का समय सीमा तय किया गया है. ऐसे में विभाग ने वैकल्पिक पोस्टमार्टम स्थल का चयन किया है.
टिन के शेड वाला है पोस्टमार्टम केंद्र : रेड क्रॉस सोसाइटी के भवन के बगल में सदर अस्पताल कैंपस में चहारदीवारी के समीप यह स्थल का चयन किया गया है. पक्की छत के बजाय टिन का शेड यहां पड़ा है. साथ ही इसकी कोई घेराबंदी नहीं है. ऐसे में यह तरफ से खुला है.
खास बात है कि हो रहे पोस्टमार्टम को चहारदीवारी के उस पार से कोई भी देख सकता है. शहर के प्रमुख व्यस्त मार्ग में से यह एक है. इस सड़क पर रेडक्रॉस सोसाइटी, महिला अल्पावास गृह,अंबेडकर छात्रवास मौजूद है. यह सड़क गांधी मैदान व कचहरी को सदर अस्पताल से जोड़ता है. जिसके नीचे पोस्टमार्टम किया जायेगा. बगल में ही अस्पताल का शौचालय भी है. जिसमें पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक सामान भी रहेगा. खुले स्थान पर पोस्टमार्टम करने पर आम आदमी से लेकर स्टाफ तक का विरोध है. इसके बाद भी विभाग अपने संवेदनहीन निर्णय में कोई परिवर्तन करते नजर नहीं आ रहा है. हालात बता रहे हैं कि यहां न तो शव की सुरक्षा रहेगी व न ही गोपनीयता. ऐसे हाल में आठ माह तक पोस्टमार्टम का कार्य चलने को लेकर लोगों में नाराजगी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नया पोस्टमार्टम भवन बन रहा है.इस बीच यहां पोस्टमार्टम कार्य के लिए वैकल्पिक इंतजाम किया गया है.पोस्टमार्टम में असुविधा होने पर स्थान को और सुरक्षित करने के लिए हर संभव उपाय किये जायेंगे.
डॉ अनिल कुमार चौधरी, सिविल सजर्न

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