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दुर्लभ संयोग में मनायी गयी जन्माष्टमी

सीवान: लीला धर भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण का जन्म दिवस जन्माष्टमी को लेकर बुधवार की सुबह से ही पूरे जिले के मंदिरों में काफी चहल-पहल देखी गयी. हालांकि भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव रात्रि में संपन्न होगा, लेकिन श्रद्धालु भक्त भगवान के जन्म उत्सव को लेकर सुबह से ही तैयारियों में जुट गये थे. जिला […]

सीवान: लीला धर भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण का जन्म दिवस जन्माष्टमी को लेकर बुधवार की सुबह से ही पूरे जिले के मंदिरों में काफी चहल-पहल देखी गयी. हालांकि भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव रात्रि में संपन्न होगा, लेकिन श्रद्धालु भक्त भगवान के जन्म उत्सव को लेकर सुबह से ही तैयारियों में जुट गये थे. जिला मुख्यालय के लगभग सभी मंदिरों विशेष कर कचहरी रोड़ स्थित राधा कृष्ण मंदिर व भावनाथ मंदिर को काफी भव्य रूप से सजाया गया. वहीं शहर के कचहरी रोड़ स्थित दुर्गा मंदिर, बुढि़या माई मंदिर, फतेहपुर दुर्गा मंदिर आदि स्थानों पर भी धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया. वहीं कई घरों व मंदिरों में तो मंगलवार से ही भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर सोहर की आवाज सुनायी दे रही थी.

जन्माष्टमी का महत्व

भगवान श्री कृष्ण को लोग रासरिसया, लीलाधर, देवकी नंदन, गिरिधर जैसे हजारों नाम से जानते हैं. कृष्ण भगवान द्वारा महाभारत युद्ध में अर्जुन को दिये गये उपदेश गीता को हिंदू धर्म के सबसे बडे़ ग्रंथ और पथ प्रदर्शक के रूप में माना जाता है. मान्यता है कि द्वापर युग के अंतिम चरण में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसी कारण शास्त्रों में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी के दिन अर्धरात्रि में श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी मनाने का उल्लेख मिलता है. पुराणों में इस दिन व्रत रखने को बेहद अहम बताया गया है. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. कंस ने अपनी मृत्यु के भय से अपनी बहन देवकी और उनके पति वासुदेव को कारागार में कैद कर लिया था. कृष्ण जन्म के समय घनघोर वर्षा हो रही थी. भगवान के निर्देशानुसार बाल कृष्ण को रात में ही मथुरा के कारागार से गोकुल में नंद बाबा के घर ले जाया गया. जहां उन्होंने विभिन्न प्रकार की लीलाओं से भक्तों को अविभूत किया. कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से जिले से कई प्रखंडों में भी मनाये जाने की सूचना है. महाराजगंज संवाददाता के अनुसार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कृष्णजन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्मोत्सव को व्रत के रूप में मनाया. कई जगह रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये. प्रखंड के अफराद एसडी पब्लिक स्कूल में स्कूली छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम किये गये.छात्रों को विद्यालय के संचालक व गण्यमान्य लोगों द्वारा पुरस्कृत किया गया.वहीं सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल में भी कार्यक्रम का आयोजन कर कृष्ण लीला की प्रस्तुति छात्रों द्वारा की गयी. शहर के बाला जी मठ पर मठााधीश श्रीश्री 108 बद्रीनरायण जी महाराज द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी पर विशाल कार्यक्रम एवं बाला जी का पूजनोत्सव किया गया. मैरवा संवाददाता के अनुसार नरहरिया राम जानकी मंदिर में भी जन्माष्टमी के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया. इस मौके पर अंकुर दास जी महाराज, सितारा बाबा का प्रवचन हुआ. रघुनाथपुर संवाददाता के अनुसार जन्माष्टमी के अवसर पर रघुनाथपुर बाजार के पूर्वी छोर पर स्थित श्री राम मंदिर में मधुसूदना चारी के नेतृत्व में भव्य आयोजन किया गया. इस मौके पर दामोदरा चारी मिश्र, विजय मिश्र, मुरलीधर मिश्र सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. गोरेयाकोठी संवाददाता के अनुसार पिपरा मठिया, दुधरा मठिया आदि स्थानों में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी गयी.

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