ज्ञान की होती हैं दो धाराएं

फोटो- 16 प्रवचन करते संत तरवारा . स्थानीय बाजार स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा एवं 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार की शाम प्रज्ञा पुराण कथा में शांतिकुंज हरिद्वार के आचार्य जयप्रकाश ने प्रज्ञा पुराण के दृष्टांत में बताया कि ज्ञान की दो धाराएं होती हंै, एक शिक्षा व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2015 5:03 PM

फोटो- 16 प्रवचन करते संत तरवारा . स्थानीय बाजार स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा एवं 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार की शाम प्रज्ञा पुराण कथा में शांतिकुंज हरिद्वार के आचार्य जयप्रकाश ने प्रज्ञा पुराण के दृष्टांत में बताया कि ज्ञान की दो धाराएं होती हंै, एक शिक्षा व दूसरी विद्या है. शिक्षा हमारे भौतिक जीवन को संवारती है और विद्या हमारे आध्यात्मिक जीवन को सबल बनाती है. विद्या के अभाव में मनुष्य के पास कोरी शिक्षा पशुवत की ओर ले जा रही है. विद्या के अभाव में मनुष्य करुणा, दया एवं संवेदना शून्य हो जाता है, जिसका परिणाम भौतिक उपलब्धियों के बावजूद भी सुख शांति जीवन में नहीं दिख पाती है. विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां गायत्री हैं.

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