काले दिन के क्षण को बयां कर रही यह राख

मंगलवार को सदर अस्पताल में अजब सन्नाटा नजर आ रहा था. सड़क दुर्घटना में छह की मौत के बाद आक्रोश की आग में झुलसा बदनुमा तसवीर घटना को बयां कर रह थी. बेबस मरीजों की चीख सन्नाटे को रह-रह कर चीर रही थी. ओपीडी खाली पड़ा रहा तो,आपातकाल कक्ष में चंद मरीजों का ही ड्यूटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 12:28 AM
मंगलवार को सदर अस्पताल में अजब सन्नाटा नजर आ रहा था. सड़क दुर्घटना में छह की मौत के बाद आक्रोश की आग में झुलसा बदनुमा तसवीर घटना को बयां कर रह थी. बेबस मरीजों की चीख सन्नाटे को रह-रह कर चीर रही थी. ओपीडी खाली पड़ा रहा तो,आपातकाल कक्ष में चंद मरीजों का ही ड्यूटी पर रहे चिकित्सक ने इलाज किया.अधिकतर मरीजों के साथ आये परिजन निराश होकर लौट पड़े.
अस्पताल परिसर में प्रवेश करते ही जले हुए फाइल व फर्नीचर के राख घटना के दिन की भयावहता के गवाह थे. एंबुलेंस समेत जले पांच वाहनों के अवशेष बता रहे हैं कि उपद्रवियों ने कैसे इन सामान को अपना निशाना बनाया. अस्पताल के अंदर फर्नीचर,ऑपरेशन थियेटर के कीमती उपकरण, शव वाहन,आइसीयू ,एक्स – रे रूम, वैक्सीन वाहन,अस्पताल प्रबंधन व सीएस कार्यालय, एसीएमओ कार्यालय में टूटी पड़ी सामग्री बिखरी रही, जिसे सुबह होते ही सफाईकर्मियों ने ठिकाने लगाना शुरू किया. सफाई में यहां के कर्मचारी घंटों लगे रहे.
अन्य दिनों की अपेक्षा यहां आनेवाले मरीजों की संख्या काफी कम रही.अधिकतर मरीज निराश होकर यहां से वापस लौट गये. मैरवा प्रखंड के पुनक निवासी सुरेश सिंह के मुताबिक अपने बेटे का यहां इलाज कराने के लिए आये थे. लगातार बेटे को बुखार रह रहा है.यहां कोई चिकित्सक नहीं मिले.प्राइवेट चिकित्सक भी हड़ताल पर हैं.ऐसे दर्जनों मरीज चंद मिनट में ही यहां आते दिखे तथा निराश होकर लौट गये.यहां आये हर लोगों के जुबान पर एक दिन पूर्व की तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना की चर्चा थी.

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