मृत्यु लोक में कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है : श्रीदास

फोटो- 11- प्रवचन करते श्री दास जी महाराज. शिव-सती विवाह प्रसंग का किया वर्णनबड़हरिया . सत्य शाश्वत होता है, बाकी सब नश्वर है. सत्य ही शिव है व शिव ही सुंदर है. ये बातें श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक महर्षि श्रीदास महाराज ने प्रखंड के सियाड़ी कर्ण में ज्ञान मंच से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 7:04 PM

फोटो- 11- प्रवचन करते श्री दास जी महाराज. शिव-सती विवाह प्रसंग का किया वर्णनबड़हरिया . सत्य शाश्वत होता है, बाकी सब नश्वर है. सत्य ही शिव है व शिव ही सुंदर है. ये बातें श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक महर्षि श्रीदास महाराज ने प्रखंड के सियाड़ी कर्ण में ज्ञान मंच से कहीं. श्री दास महाराज ने शिव – सती विवाह प्रसंग को प्रस्तुत करते हुए कहा कि शुकदेव जी महाराज ने श्रीमद् भागवत में कहा कि यह मृत्यु लोक है व मृत्युलोक में जब भगवान का अवतार होता है, तो उन्हें भी सांसारिक दु:ख-सुखों से गुजरना पड़ता है. कर्म के अनुसार फल का मिलना तय है. भगवान शिव व सती का विवाह धूम धाम से उल्लास पूर्वक होता है. लेकिन सती के केवल एक झूठ बोलने से उन्हें भगवान शिव से दूर हो जाना पड़ा. भगवान शिव सुंदर व सत्य है. सत्य सदैव सुंदर होता है. जबकि असत्य का रूप सदैव बदलता रहता है. इस मौके पर भगवान शिव व सती के विवाह की झांकियां भी प्रस्तुत की गयीं. इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र दूबे, मुखिया संघ के अध्यक्ष संतोष यादव, समिति के सचिव रामाशीष पांडेय, डा. रमाशंकर प्रसाद, आनंद कुमार सिंह, शंभु प्रसाद, लक्ष्मण यादव, उपेंद्र यादव, मुकेश राम सहित अन्य लोग मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version