मनीष गिरि, सीवान. सक्षमता परीक्षा के दौरान सीवान के 43 शिक्षकों के फर्जी मिलने के बाद विभागीय स्तर पर जांच अभियान तेज कर दिया गया है. साथ ही चार शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिये विभाग ने संबंधित नियोजन इकाई से अनुशंसा की है. इधर विभाग की ओर से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाये जाने पर अधिकांश शिक्षक उपस्थित भी नहीं हो रहे हैं. विभाग की ओर से मौका देते हुए इन शिक्षकों को 15 अप्रैल से पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था. इनमें से कई शिक्षक वेरिफिकेशन के लिये विभाग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं. इसके बाद इन्हें पूर्ण रूप से फर्जी मानते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. शिक्षा विभाग के स्थापना सेक्सन से इन शिक्षकों की सूची जारी करते हुए विभाग के शेड्यूल के अनुसार, पटना में जांच समिति के समक्ष उपस्थित होकर कागजात दिखाने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज देने के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया. इस क्रम में विभाग ने पाया कि बीटेट, सीटेट या एसटीइटी के प्रमाणपत्र में एक ही रौल नंबर पर एक से अधिक शिक्षकों ने आवेदन किया था. बिहार भर में ऐसे सैकड़ों शिक्षकों को डुप्लीकेट चिह्नित किया गया है. जिनमें सीवान में 43 ऐसे शिक्षक हैं जो फर्जी चिन्हित किये गये हैं. जिनमें से जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार शिक्षकों की सेवा समाप्ति के लिये संबंधित नियोजन इकाई को अनुशंसा भेजी गयी है. हालांकि डीपीओ स्थापना अवधेश कुमार ने इन शिक्षकों का नाम कार्रवाई पूरी होने तक कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. डीइओ को भेजा था पत्र : शिक्षा विभाग के तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखते हुए शिक्षकों की सूची समर्पित की थी. जो सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन भरे थे और उनके शिक्षक पात्रता के रोल नंबर पर एक से अधिक शिक्षक कार्यरत थे. शिक्षा विभाग ने, विभाग के डॉक्टर मदन मोहन झा स्मृति सभागार में सभी नियोजित और स्थानीय निकाय से चयनित शिक्षकों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में फिजिकली रूप से आने के लिए निर्देशित किया था.
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