हवन करने से पापों का होता है शमन : आचार्य

दरौंदा : यज्ञ से ही वर्षा होती है, जिसके द्वारा अन्न उत्पन्न होते हैं और अन्न से समस्त प्रजा जन्म तथा जीवन धारण करती है. जिस सद्नुष्ठान द्वारा संसार का कल्याण हो, उसे यज्ञ कहते हैं. यज्ञ में हवन का अपना अलग ही महत्व है. महाभारत शांति पर्व पुस्तक के मतानुसार हवन करने से पापों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 11:26 PM
दरौंदा : यज्ञ से ही वर्षा होती है, जिसके द्वारा अन्न उत्पन्न होते हैं और अन्न से समस्त प्रजा जन्म तथा जीवन धारण करती है. जिस सद्नुष्ठान द्वारा संसार का कल्याण हो, उसे यज्ञ कहते हैं. यज्ञ में हवन का अपना अलग ही महत्व है. महाभारत शांति पर्व पुस्तक के मतानुसार हवन करने से पापों का शमन हो जाता है.
उक्त बातें दरौंदा प्रखंड के बगौरा गांव स्थित पुरानी बाजार में नवनिर्मित हनुमान मंदिर के परिसर में चल रहे श्री हनुमान प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को आचार्य पंडित जीतेंद्र नाथ पांडेय ने प्रवचन करते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि जिस धरती पर या जहां के लोगों पर परमपिता परमेश्वर और मां भगवती जगत जननी जगदंबा की महती कृपा होती है, वहां अनुष्ठान संपन्न होते हैं.
इस दौरान टेसुआर, कोडर, इटहरी, अतरसन, मदारीचक, चपरैठा, कमसड़ा, दर्शनी, केटी भरौली, रामाछपरा, दवन छपरा, मंछा, मुड़ा, शेरहीं, दपनी सहित आसपास के गांवों के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मौके पर भाजयुमो के चंद्रविजय प्रकाश यादव उर्फ हैप्पी यादव, मानवेंद्र सिंह, बबलू साह, सुनील प्रसाद, हरिचरण प्रसाद, राजन प्रसाद कुशवाहा, जगत प्रसाद, प्रदीप प्रसाद सहित सैकडों की संख्या में भक्तगण शामिल थे.

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