नगर पर्षद कसेगा शिकंजा, हटेंगे असुरक्षित टावर

नगरों में मनमाने ढंग से बन ही बहुमंजिली इमारतें व घरों की छतों पर लगे मोबाइल टावर कहर बरपा सकते हैं. भूकंप आदि की स्थिति में भारी तबाही हो सकती है. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग व केंद्रीय मंत्रलय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. इसके अनुशरण में अब नगर निगम व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2015 10:19 PM
नगरों में मनमाने ढंग से बन ही बहुमंजिली इमारतें व घरों की छतों पर लगे मोबाइल टावर कहर बरपा सकते हैं. भूकंप आदि की स्थिति में भारी तबाही हो सकती है. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग व केंद्रीय मंत्रलय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.
इसके अनुशरण में अब नगर निगम व नगर पर्षद कार्रवाई करेगा. नगर पर्षद सीवान में बन रहीं इमारतों व मोबाइल टावरों पर शिकंजा कसने का फैसला किया है. नगर में लगे टावरों व बनी बहुमंजिली इमारतें व प्रस्तावित इमारतों के संबंध में नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई होगी. इसके लिए नगर पर्षद द्वारा एक सर्वेक्षण टीम का गठन किया गया है.
सीवान : नेपाल में आये भीषण भूकंप व तबाही और उसके बाद बिहार में आये लगातार झटकों व कुछ क्षति के बाद अब बिहारवासी विशेष कर नगर में बसे हुए लोगों को सतर्क हो जाने की जरूरत आन पड़ी है. क्योंकि भूकंप में गांवों की अपेक्षा बेतरतीब ढंग से शहर में बने भवन एवं बहुमंजिली इमारतों व टावरों से ज्यादा क्षति की आशंका रहती है. जिला स्तरीय शहरों में यह परेशानी और अधिक है.
क्योंकि वहां मकान बनाने व टावर आदि लगाने में नियमों का पालन नहीं होता है. लोग मकान का नक्शा पास करा कर कोरम पूरा कर लेते है. परंतु मकान बनाने में नियम का पालन नहीं करते है. वहीं शहरों में दर्जनों की संख्या में छतों पर लगे टावर दिखाई देते हैं.
मनमाने ढंग से लग रहे टावर : आवासीय परिसर एवं व्यस्ततम जगहों पर मोबाइल टावर मिल जायेंगे. भूकंप व चक्रवात आदि की स्थिति में इनसे भारी तबाही मच सकती है. वहीं इन टावरों को लगाने के लिए नगर पर्षद से अनुमति लेनी आवश्यक है. परंतु इसका पालन नहीं किया जाता है. कहीं किसी भी तरह के कमजोर घर पर टावर लगाने से किसी बड़ी क्षति से इनकार नहीं किया जा सकता. चक्रवात या भूकंप की स्थिति में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
गृह निर्माण में भी नियमों का उल्लंघन : नियमानुसार नगर पर्षद क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नगर पर्षद की अनुमति आवश्यक है. परंतु बड़ी संख्या में धड़ल्ले से मकान बनने के मामले सामने आ रहे है. वहीं ग्राउंड फ्लोर कर नक्शा पास करा कर बिना अनुमति के बहुमंजिली इमारतें धड़ल्ले से बनायी जा रही हैं. वहीं नक्शा पास कराते समय दरसाये गये फाउंडेशन, बीम, प्लिंथ आदि का भी पालन साधारणत: नहीं किया जाता है, जो आपदा की स्थिति में घातक साबित हो सकता है.
टावरों का होगा सर्वेक्षण : शहर में लगे दर्जनों टावरों का सर्वेक्षण होगा. सर्वेक्षण से पता चलेगा कि उसकी अनुमति ली गयी है या नहीं. नियमत: कोई टावर बिना नगर पर्षद की अनुमति के नहीं लगाया जा सकता है. अब नगर पर्षद की विशेष टीम नगर क्षेत्र में लगे टावरों का डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करेगी.
इससे वास्तविक स्थिति का आकलन हो सकेगा. वहीं आवासीय भवनों पर लगे टावरों का भी सर्वेक्षण होगा. साथ ही उस आवासीय मुहल्ले की स्थिति, अगल-बगल में बने भवनों की भी स्थिति का आकलन किया जायेगा. टावर गिरने की स्थिति में क्षति व उसकी स्थिति तथा यह टावर कितना सुरक्षित है, इसका कंडिका वार सर्वेक्षण किया जायेगा.
उपरी मंजिल बनाने से पूर्व लेनी होगी अनुमति : नया मकान बनाने में साधारणत: ऐसा देखा जाता है कि ग्राउंड फ्लोर का नक्शा पास करा लेने के बाद लोग उपरी तल के निर्माण के लिए नगर पर्षद की अनुमति नहीं लेते. परंतु अब नगर पर्षद की अनुमति लेनी होगी. नगर पर्षद उक्त मकान का अध्ययन कर निर्णय लेगा कि उपरी तल पर निर्माण हो सकता है कि नहीं.
क्या कहते हैं इओ
नगर पर्षद स्वच्छ एवं सुरक्षित सीवान के लिए सदैव कार्यरत है. वहीं भूकंप, चक्रवात आदि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में पूर्व तैयारी व बचाव ही उपाय है. ऐसे में आवश्यक है कि इन नियमों का पालन करें. शहर में लगे टावरों व मकानों का सर्वेक्षण कराया जायेगा तथा असुरक्षित टावरों को हटाया जायेगा. वहीं जनता से भी अनुरोध है कि अपने मकानों की नियमित मरम्मती सुनिश्चित करें.
आरके लाल
नगर कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, सीवान

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