काल बन कर दौड़ा पिकअप वैन

गोरेयाकोठी: थाना क्षेत्र के सिसई गांव के सामने से एनएच-73 सीवान-शीतलपुरा मार्ग पर सीवान की तरफ से आ रही पिकअप वैन काल बन कर दौड़ी. पल भर में ही इस पिकअप वैन ने दो हंसती-खेलती महिलाओं को अपने आगोश में ले लिया. इस घटना के बाद से गांव का माहौल गमगीन हो गया. रह-रह कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2013 2:45 AM

गोरेयाकोठी: थाना क्षेत्र के सिसई गांव के सामने से एनएच-73 सीवान-शीतलपुरा मार्ग पर सीवान की तरफ से आ रही पिकअप वैन काल बन कर दौड़ी. पल भर में ही इस पिकअप वैन ने दो हंसती-खेलती महिलाओं को अपने आगोश में ले लिया. इस घटना के बाद से गांव का माहौल गमगीन हो गया. रह-रह कर मृतक के घर से उठ रही रोने की चीत्कार से वातावरण शोकाकुल हो गया है. बता दें कि सिसई गांव निवासी बसंती देवी अपने पांच वर्षीय बेटे राजकुमार के साथ दरवाजे पर टहल रही थी. सथ ही बगल की ध्रुपमाला कुमारी और परशुराम मांझी का पुत्र पप्पू भी था. जो कुछ देर बाद आने वाली अपनी मौत से एकदम अनभिज्ञ थे. उन्हें क्या पता था कुछ ही देर में इतना बड़ा हादसा होने वाला है.तभी क्रूर काल बन एनएच 73 पर दौड़ रही पिकअप वैन ने बसंती व ध्रुपमाला को तो अपने आगोश में ले लिया. वहीं बसंती का पुत्र राजकुमार व पप्पू कुमार को ईश्वर ने बचा लिया. इस घटना के बाद वहां कोहराम मच गया. घटना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतका बसंती देवी की पांच संतान हैं. इसमें सबसे छोटा तीन माह का है. उसके पति बाहर रह मजदूरी का कार्य करते हैं. वहीं ध्रुपमाला की मौत के बाद मां परम शीला देवी व भाई गोविंदा शर्मा व बहन फूलमाला का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.

आक्रोशित हुए लोग

सिसई गांव में एक साथ दो मौतों के बाद ग्रामीण सकते में आ गये. गुस्साये ग्रामीणों गांव के सामने से गुजर रहे एनएच-73 को जाम कर दिया. सड़क जाम होने की सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष रवींद्र मोची ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण नहीं माने. इधर छह घंटे तक सड़क जाम होने की सूचना जैसे ही महाराजगंज एसडीओ मनोज कुमार व एसडीपीओ एमके बसंत्री को मिली, तो वे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. इसी बीच बीडीओ अविनाष झा व सीओ श्यामाकांत रजक भी पहुंच गये. अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे. ग्रामीण सांसद प्रभुनाथ सिंह को बुलाने की मांग कर रहे थे. बाद में अधिकारियों ने किसी तरह से ग्रामीणों को समझाया.

अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को कबीर अंत्येष्टि योजना के 15 सौ व पारिवारिक लाभ के रूप में 20 हजार रुपये देने का आश्वासन दिया.

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