भंडारण के अभाव में अब नहीं बरबाद होगा खाद्यान्न

सीवान : जिले में गोदामों के अभाव में अब सरकारी खाद्यान्न के बरबाद होने की शिकायतें नहीं रह जायेंगी. प्रत्येक प्रखंडों में गोदाम के निर्माण की चल रही प्रक्रिया के साथ ही अब जिले का सबसे बड़ा 10 हजार एमटी क्षमता का गोदाम निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसका हरी झंडी मिलते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2015 6:22 AM
सीवान : जिले में गोदामों के अभाव में अब सरकारी खाद्यान्न के बरबाद होने की शिकायतें नहीं रह जायेंगी. प्रत्येक प्रखंडों में गोदाम के निर्माण की चल रही प्रक्रिया के साथ ही अब जिले का सबसे बड़ा 10 हजार एमटी क्षमता का गोदाम निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसका हरी झंडी मिलते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा.
राज्य खाद्य निगम के पर्याप्त गोदाम न होने के कारण किराये पर प्राइवेट गोदाम भी लिये जाते रहे हैं. विशेष कर धान व गेहूं की खरीद के समय इसकी जरूरत पड़ती है, जिससे शासन को अतिरिक्त खर्च भाड़े के रूप में व्यय करना पड़ता है. इसे देखते हुए पिछले पांच वर्ष से भंडारण के लिए अधिक-से-अधिक गोदाम बनाने की प्रक्रिया चल रही है.
इस क्रम में अधिकतर प्रखंड क्षेत्र में गोदाम उपलब्ध भी हो गये हैं. इसी क्रम में हाल में ही भवन निर्माण विभाग ने पचरुखी, बसंतपुर, गुठनी, गोरेयाकोठी, बड़हरिया, हुसैनगंज, सिसवन, आंदर, दरौंदा व बिहार राज्य भवन निर्माण निगम ने गोरेयाकोठी, रघुनाथपुर, लकड़ीनबीगंज, भगवानपुर, आंदर, गुठनी, महाराजगंज, दरौली, सिसवन, दरौंदा, मैरवा व पचरुखी में गोदाम का निर्माण कर उसे हस्तगत कर दिया गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 2014-15 में बड़हरिया, नौतन, जीरादेई व पचरुखी प्रखंड को छोड़ कर अन्य प्रखंडों में निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध हो गयी है. खास बात है कि अब तक बने गोदाम 100 एमटी से लेकर पांच हजार एमटी क्षमता के हैं. इस बीच एक नये प्रस्ताव के तहत जिले का सबसे बड़ा गोदाम बनाने की योजना है.
निजी सार्वजनिक सहभागिता पीइजी 2008-09 योजनान्तर्गत खाद्यान्न संचय हेतु 10 हजार एमटी क्षमता का गोदाम निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए जीवी नगर थाना क्षेत्र के सकरा में 372 डिसमिल रकबा में इसका निर्माण किया जाना है.भूमि लीज पर ली गयी है. व्यावसायिक भूमि का स्टांप एवं निबंधन शुल्क वाणिज्य शुल्क के अनुरूप दिया गया है, जिसके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है.
जिला पदाधिकारी की तरफ से एनओसी जारी होने पर निर्माण की स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है. इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी देवेंद्र कुमार दर्द ने कहा कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने पर निर्माण शुरू हो जायेगा.
खाद्यान्न के समुचित भंडारण के लिहाज से गोदाम का निर्माण महत्वपूर्ण साबित होगा. इसके अलावा धान खरीद के समय गोदाम किराये पर लेने की जरूरत नये गोदाम के बन जाने पर नहीं पड़ेगी. खाद्यान्न के पर्याप्त भंडारण की स्थिति में आपात स्थिति में मदद मिलेगी.

Next Article

Exit mobile version