पढ़ाई के लिए छात्रों की पहली पसंद डीएवी महाविद्यालय
विज्ञान सहित कुछ चुनिंदा विषयों में नामांकन के लिए होती है मारा-मारी सीवान : एक तरफ जहां इंटर साइंस का रिजल्ट आने के बाद छात्र-छात्रओं ने राहत की सांस ली है, वहीं दूसरी ओर अब बेहतर कॉलेजों में नामांकन कि लिए उनकी धड़कनें तेज हो गयी हैं. इस कड़ी में उन छात्र-छात्रओं को काफी परेशानियों […]
विज्ञान सहित कुछ चुनिंदा विषयों में नामांकन के लिए होती है मारा-मारी
सीवान : एक तरफ जहां इंटर साइंस का रिजल्ट आने के बाद छात्र-छात्रओं ने राहत की सांस ली है, वहीं दूसरी ओर अब बेहतर कॉलेजों में नामांकन कि लिए उनकी धड़कनें तेज हो गयी हैं. इस कड़ी में उन छात्र-छात्रओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, जो मेधावी तो हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वे कहीं अन्यत्र रह कर पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं.
इस स्थिति में स्थानीय स्तर पर उनकी पहली पसंद डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय है. यह महाविद्यालय अपनी स्थापना केसमय से ही उत्कृष्ट शिक्षा क ा केंद्र रहा है, लेकिन समय के साथ इसमें परिवर्तन नहीं हुआ और धीरे-धीरे इसमें ह्रास होता गया.
उसके बावजूद भी यह महाविद्यालय अपने सीमित संसाधनों के बल पर उत्कृष्ट शिक्षा के स्तर को कायम रखने में कामयाब रहा है. सीमित संसाधनों की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक तरफ जहां महाविद्यालय में शिक्षकों के कुल सृजित पद 87 हैं, उसके एवज में प्राचार्य को लेकर मात्र 30 शिक्षक ही कार्यरत हैं. संस्कृत पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं.
वहीं दूसरी ओर हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में छात्र सीट की कमी के कारण नामांकन से वंचित रह जाते हैं. वर्तमान समय में स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन के लिए कुल 1184 सीटें ही सरकार द्वारा एलॉट की गयी हैं. इस महाविद्यालय में 16 विषयों में स्नातक की पढ़ाई होती है और इतने ही विषयों में स्नातकोत्तर की भी. इसके अलावा व्यावसायिक स्तर पर बीसीए व बीबीए की पढ़ाई होती है. इस वर्ष से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है.
एक नजर सीटों की संख्या पर : महाविद्यालय में स्नातक में नामांकन के लिए इतिहास व वाणिज्य विषय में 128 सीटों का आवंटन है, जबकि भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, वनस्पति विज्ञान, हिंदी, अंगरेजी, मनोविज्ञान व भूगोल में 64, गणित, जंतु विज्ञान, अर्थशास्त्र व राजनीतिक विज्ञान में 96, संस्कृत, उर्दू व दर्शन शास्त्र विषय में 32 सीटें आवंटित हैं.
इन विषयों में होती है मारा-मारी : साइंस विषय के अलावा इतिहास, राजनीति शास्त्र व कॉमर्स आदि विषयों में हर साल नामांकन के लिए मारा-मारी होती है. इन विषयों में नामांकन से बहुत से छात्र हर वर्ष वंचित हो जाते हैं, जिसके बाद उन्हें काफी मायूसी का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
विश्वविद्यालय को शिक्षकों की कमी के बारे में पत्र भेजा गया है. जहां तक सीटों की संख्या बढ़ाने का सवाल है, इस पर विश्वविद्यालय को स्वयं निर्णय लेना है.
डॉ अजय कुमार पंडित, प्राचार्य डीएवी महाविद्यालय, सीवान