शिक्षा ग्रहण करने में दोहरी मार ङोल रहे हैं नौनिहाल

सीवान : जिले के नौनिहाल शिक्षा ग्रहण करने के मामले में दोहरी मार ङोल रहे हैं. एक तरफ जहां वेतनमान की लड़ाई में एक माह से ज्यादा समय के लिये विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल कर दी थी, वहीं दूसरी ओर ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण मजबूरी में विद्यालयों को बंद करना पड़ा. ऐसे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2015 7:35 AM
सीवान : जिले के नौनिहाल शिक्षा ग्रहण करने के मामले में दोहरी मार ङोल रहे हैं. एक तरफ जहां वेतनमान की लड़ाई में एक माह से ज्यादा समय के लिये विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल कर दी थी, वहीं दूसरी ओर ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण मजबूरी में विद्यालयों को बंद करना पड़ा.
ऐसे में उनके सामने अब एक ओर जहां कम समय में सिलेबस को पूरा करने का दबाव रहेगा, वहीं दूसरी ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी उन्हें नहीं मिल सकेगी. जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 243 दिन विद्यालयों में पढ़ाई करना अनिवार्य है.
सरकार व शिक्षकों की लड़ाई में उन बच्चों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिनके अभिभावक प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ाने का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के मध्य गुणवत्ता की खायी भी बढ़ रही हैं. इस दोहरी मार से जिले के 2127 प्राथमिक व मध्य विद्यालय में नामांकित लगभग छह लाख बच्चे सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं.
अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान बच्चों को पढ़ाई के मामले में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं दूसरी ओर नौनिहालों की सुरक्षा की दृष्टि से गरमी के कारण विद्यालय को बंद करना मजबूरी है.
विद्यालय खुलने के बाद एक अभियान चला कर वर्ग एक में नामांकन से वंचित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा. सरकार की प्राथमिकता हर हाल में शिक्षा को बढ़ावा देना है.
राजकुमार, डीपीओ, एसएसए सीवान

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