सीवान जंक्शन के रेल अस्पताल में है संसाधनों की कमी

सीवान : सीवान जंकशन का रेल अस्पताल में संसाधनों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण रेल कर्मचारियों व यात्रियों को इलाज कराने में काफी परेशानी होती है.यह रेल हेल्थ यूनिट अस्पताल आज से करीब 31 वर्ष पूर्व 1984 में तब स्थापित हुआ, जब सीवान में मीटरगेज हुआ करता था. उस समय कर्मचारियों के साथ-साथ रेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2015 7:17 AM
सीवान : सीवान जंकशन का रेल अस्पताल में संसाधनों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण रेल कर्मचारियों व यात्रियों को इलाज कराने में काफी परेशानी होती है.यह रेल हेल्थ यूनिट अस्पताल आज से करीब 31 वर्ष पूर्व 1984 में तब स्थापित हुआ, जब सीवान में मीटरगेज हुआ करता था. उस समय कर्मचारियों के साथ-साथ रेल यात्रियों की संख्या भी कम हुआ करती थी.
आज के समय में इसका क्षेत्र एकमा से बनकटा तथा थावे रूट में तरैया सुजान तक के कर्मचारियों का इलाज व स्वास्थ्य से संबंधित देख-रेख करने की जवाबदेही है.
सीवान जंकशन से प्रतिदिन करीब 24 हजार से अधिक यात्री अपनी यात्र शुरू व खत्म करते हैं.ट्रेनों से गिरनेवाले या किसी विशेष परिस्थिति में किसी यात्री को इलाज की जरूरत पड़ने पर स्थानीय रेल अस्पताल को ही प्रारंभिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध करानी है. लेकिन, एक डॉक्टर,एक फॉर्मासिस्ट,एक हेल्थ अटेंडेंट तथा एक सफाई वाले के भरोसे क्या हो सकता है.
इसका अंदाज लगाया जा सकता है. महिलाओं के उपचार के लिए न तो महिला डॉक्टर हैं और न नर्स. एक फॉर्मासिस्ट और हेल्थ अटेंडेट ही सब कुछ करते हैं. रेल के अधिकारी सीएमएस कई बार रेल अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं. लेकिन, कभी भी से अपग्रेड करने पर किसी अधिकारी ने विचार तक नहीं किया. कर्मचारियों के बच्चों को टीका देने के लिए यहां पर टीके की भी व्यवस्था नहीं है. कर्मचारियों की तबीयत खराब होने पर छोटे-से छोटे जांच प्राइवेट में करानी पड़ती है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
भारतीय रेल के किसी भी हेल्थ यूनिट के अस्पताल में ऐसी ही व्यवस्था है. हेल्थ यूनिट में न तो महिला डॉक्टर होती है और न नर्स और कंपाउंडर.अस्पताल में टीके देने के लिए समय-समय पर वाराणसी से कर्मचारी आते हैं और टीका देकर चले जाते है. हेल्थ यूनिट में इंडोर और आपात की सुविधा भी नहीं है.

Next Article

Exit mobile version