पशु अस्पताल में नहीं होता बेजुबानों का समुचित इलाज
वेटनरी सजर्न, कंपाउंडर व ड्रेसर के पद हैं वर्षो से रिक्त, कर्मचारी के अभाव में बरबाद हो रहे लाखों के पैथोलॉजी जांच उपकरण सीवान : शहर के अस्पताल रोड स्थित जिला पशु अस्पताल में बेजुबान पशुओं के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है. जिला पशु अस्पताल […]
वेटनरी सजर्न, कंपाउंडर व ड्रेसर के पद हैं वर्षो से रिक्त, कर्मचारी के अभाव में बरबाद हो रहे लाखों के पैथोलॉजी जांच उपकरण
सीवान : शहर के अस्पताल रोड स्थित जिला पशु अस्पताल में बेजुबान पशुओं के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है. जिला पशु अस्पताल के वेटनरी सजर्न, कंपाउंडर तथा ड्रेसर जैसे महत्वपूर्ण पद वर्षो से रिक्त हैं. तरवारा के टीवीओ ही वेटनरी सजर्न के प्रभार में हैं.
ये तीन दिन जिला पशु चिकित्सालय, दो दिन तरवारा तथा एक दिन पचरुखी में मवेशियों का इलाज करते है. दो छोटे कमरों में सिमटे जिला पशु अस्पताल में पैथोलॉजी जांच के लाखों के उपकरण हैं, लेकिन जांच करने के लिए किसी डॉक्टर व कर्मचारी की नियमित व्यवस्था नहीं होने के कारण पशु पालकों को विशेष लाभ नहीं मिल पाता है. जीरादेई के डॉक्टर एक दिन शनिवार को जांच करने के नाम पर आते हैं तथा औपचारिकता पूरी कर चले जाते हैं. दवा के नाम पर 10 से 12 दवाएं ही पशुओं के लिए उपलब्ध हैं.
सात वर्षो में नहीं बन सका अपना भवन : करीब सात वर्षो पूर्व दो मंजिला जिला पशु अस्पताल के भवन निर्माण के लिए आयी राशि का आज तक उपयोग नहीं हो सका. दो कमरों में सिमटे पशु अस्पताल भवन की कमी के कारण पशु पालकों को अच्छी तरह से सुविधा नहीं दे पाता है.
जिला पशु अस्पताल की बनने वाली दो मंजिला इमारत में नीचे अस्पताल व ऊपरी मंजिल पर डॉक्टर व कर्मचारियों का आवास बनाने की योजना है.नीचे अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पैथोलॉजी केंद्र, ऑपरेशन थियेटर तथा इलाज कराने आनेवाले पशुओं के रहने के लिए व्यवस्था होगी. फिलहाल पहले का शेड टूट जाने से पशुओं के रहने की व्यवस्था नहीं है.
प्रारंभ में इसकी प्राक्कलित राशि करीब 56 लाख थी, लेकिन टेंडर में किसी प्रकार का विवाद हो जाने के कारण बहुत दिनों तक मामला कोर्ट में लंबित रहने के कारण भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका. इधर, कुछ वर्षो पहले मामला कोर्ट में खत्म हो जाने के बाद भी भवन निर्माण विभाग ने कोई रुचि नहीं दिखायी.
कर्मचारी बताते हैं कि महीनों पहले भवन बनने वाले स्थान का सीमांकन हो चुका है.भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि नये सिरे से प्राक्कलित राशि बनायी गयी है. विभाग के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है. आते ही काम शुरू कर दिया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
मेरे जिम्मे तरवारा, पचरुखी तथा सीवान जिला पशु चिकित्सालय है. तीनों जगहों पर पशुओं का इलाज करना पड़ता है. मैं यहां तीन दिन ही उपलब्ध रहता हूं. जिला पशु चिकित्सालय का भवन बनाने के लिए वरीय पदाधिकारियों ने कई बार भवन प्रमंडल विभाग को निर्देश दिया, लेकिन अभी तक कार्य शुरूनहीं हुआ.कर्मचारियों की कमी के कारण पशुओं के इलाज में परेशानी होती है.
डॉ सुनील रंजन सिंह, प्रभारी वेटनरी सजर्न.