पूर्वांचल के जिलों में फैला है सीवान की सेवई का स्वाद
फोटो-09 व 10-सेवई निर्माण में लगे मजदूर रमजान माह में सेवई की खपत बढ़ने से उद्यमी हैं उत्साहित सीवान.रमजान माह में सेवई की मांग अचानक बढ़ गयी है, जिसके चलते इसके निर्माण व कारोबार का बाजार गरम है. शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सेवई बन रही है, जिसकी स्थानीय बाजार मंे खपत […]
फोटो-09 व 10-सेवई निर्माण में लगे मजदूर रमजान माह में सेवई की खपत बढ़ने से उद्यमी हैं उत्साहित सीवान.रमजान माह में सेवई की मांग अचानक बढ़ गयी है, जिसके चलते इसके निर्माण व कारोबार का बाजार गरम है. शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सेवई बन रही है, जिसकी स्थानीय बाजार मंे खपत के साथ ही पूर्वांचल के हिस्से में पड़ोसी राज्य यूपी के आधा दर्जन जिलों में भी इसकी सप्लाइ होती है. क्वालिटी के मामले में सीवान निर्मित सेवई की मांग अधिक है. शहर के सराय मोड़ के समीप पिंटु कुमार का परिवार वर्षों से सेवई निर्माण उद्योग से जुड़ा है. पिंटु कहता है कि रमजान माह में सेवई की खपत बढ़ने के चलते महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू हो जाती है.प्रत्येक दिन औसतन 12 कुंतल सेवई तैयार हो रही है. इस मोहल्ले में ही तीन सेवई निर्माण उद्योग चल रहे हैं. इसके अलावा शहर के अतरसुआ,गल्ला मंडी,तेलहट्टा, बड़हरिया स्टैंड समेत अन्य स्थानों पर सेवई का निर्माण होता है, जिसकी जिले में सप्लाइ के अलावा कारोबारी गोपालगंज, बेतिया,सारण जिले में तथा यूपी के कुशीनगर,देवरिया समेत अन्य स्थानों में की जाती है. क्वालिटी के चलते इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. निर्माण में लगे पटना निवासी कारीगर राजू कुमार,कर्पूरी ठाकुर,भज्जु, सुरेश का कहना है कि 10 कुंतल सेवई तैयार करने में सात कुंतल मैदा व तकरीबन तीन कुंतल वनस्पति की खपत है. थोक बाजार में लच्छा सेवई 40 से 50 रुपये की दर पर बिकती है, जिसकी खुदरा कीमत 60 से 70 रुपये किलो तक है.