न्यायिक कार्य से अलग रहे अधिवक्ता

फोटो- 16 संघ भवन के समक्ष प्रदर्शन करते अधिवक्ता. निचली अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग कीनिगरानी को जांच की अनुमति देने को कहासीवान. बिहार स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर बुधवार को व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखा. निचली अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक-थाम के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 7:05 PM

फोटो- 16 संघ भवन के समक्ष प्रदर्शन करते अधिवक्ता. निचली अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग कीनिगरानी को जांच की अनुमति देने को कहासीवान. बिहार स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर बुधवार को व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखा. निचली अदालतों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक-थाम के लिए निगरानी को जांच की अनुमति देने की मांग को लेकर सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल नहीं हुए. अपनी मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने जिला महासचिव शंभु दत्त शुक्ल के नेतृत्व में संघ भवन के समक्ष नारेबाजी की और कहा कि निचली अदालत में भ्रष्टाचार बढ़ गया है. संघ के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए काउंसिल सरकार व हाइकोर्ट से गुहार लगा चुकी है. उसके बाद भी इस पर रोक नहीं लग रही है. इस मौके पर वरीय अधिवक्ता रामजी सिंह, पूर्व महासचिव घनश्याम तिवारी, रवींद्र नाथ शर्मा, कमल किशोर सिंह, प्रेम तिवारी, संजय सिंह आदि उपस्थित थे. महाराजगंज संवाददाता के अनुसार अनुमंडल न्यायालय के अधिवक्ताओं ने निचले न्यायालयों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ बुधवार को न्यायालय के कार्य से अपने को अलग रखा. महाराजगंज अनुमंडल अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि निचले न्यायालयों में फैले भ्रष्टाचार का मामला बिहार सरकार से खत्म करने का निवेदन संघ द्वारा किया गया. बावजूद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. बाध्य होकर बार काउंसिल के अध्यक्ष के निर्देशानुसार न्यायालय कार्य से अलग रखने का फैसला लिया गया.

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