यूपीए-एनडीए से ऊबे लोग : दीपंकर

* दिल्ली व पटना की सरकारों पर जम कर बरसे माले के राष्ट्रीय महासचिवसीवान : देश की जनता कमरतोड़ महंगाई, चौतरफा भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ लगातार हो रहे दुष्कर्म से कराह रही है. जनता एनडीए व यूपीए की शासन व्यवस्था से पूरी तरह ऊब चुकी है और उसे एक विकल्प की तलाश है और भाकपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

* दिल्ली व पटना की सरकारों पर जम कर बरसे माले के राष्ट्रीय महासचिव
सीवान : देश की जनता कमरतोड़ महंगाई, चौतरफा भ्रष्टाचार, महिलाओं के साथ लगातार हो रहे दुष्कर्म से कराह रही है. जनता एनडीए व यूपीए की शासन व्यवस्था से पूरी तरह ऊब चुकी है और उसे एक विकल्प की तलाश है और भाकपा माले का स्पष्ट सोच है कि जनसंघर्ष से ही एक जन विकल्प उभरेगा.

ये बातें रविवार को शहर के टाउन हॉल में भाकपा माले द्वारा आयोजित जन विकल्प सम्मेलन को संबोधित करते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचर्या ने कहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की यूपीए सरकार हो या पटना की एनडीए सरकार, ये दोनों जनता को गुमराह कर रही हैं.

दिल्ली की सरकार जहां प्रतिदिन एक नये भ्रष्टाचार में फंसती जा रही है. वहीं पटना की एनडीए सरकार गांव-गांव में शराब बेचने का काम कर रही है. जब लोकसभा का चुनाव नजदीक आया है तो ये सरकारें राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी को सामने कर प्रधानमंत्री के रूप में नूरा कुश्ती खेल रही हैं. उन्होंने कहा कि भाकपा माले जनता की समस्याओं का समाधान हमेशा सड़कों पर ही करती रही है, इसलिए यूपीए व एनडीए के अवसरवादी गंठजोड़ के खिलाफ विकल्प की तलाश माले सड़कों पर संघर्ष के माध्यम से करना चाहती है.

माले महासचिव ने कहा कि इस देश को दलालों की नहीं, बल्कि की लाल की जरूरत है और जन संघर्ष के माध्यम से ही मिट्टी का लाल निकल कर सामने आयेगा. सम्मेलन को माले पालित ब्यूरो सदस्य, राज्य कमेटी नंदकिशोर प्रसाद, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, पूर्व विधायक सत्यदेव राम, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा, जिला पार्षद सोहिला गुप्ता, वीरेंद्र कुमार, मो. जावेद बेग, जवाहर लाल सिंह सहित दर्जनों नेताओं ने संबोधित किया. सममेलन की अध्यक्षता व संचालन भाकपा माले के जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने किया.

* विकल्प की तलाश में जुटे लोग
भाकपा माले द्वारा आयोजित जन विकल्प सम्मेलन में जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों से भी बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, व्यापारी, किसान, शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया. गौरतलब हो कि भाकपा माले के कार्यकर्ता लगभग एक महीने से गांव-गांव में घूम कर सरकार की व्यवस्था से नाराज लोगों को चिह्न्ति कर उन्हें जन विकल्प सम्मेलन में आने के लिए आमंत्रित कर रहे थे.

रविवार के सम्मेलन में शामिल बहुतेरे लोग जो माले के कैडर नहीं है, लेकिन उनके मन में विकल्प की तलाश है. उनलोगों को माले ने एक मंच देने का प्रयास किया है.

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